शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी स्कूलों के प्रारंभिक कक्षाओं में रिक्त सीटों की संख्या के मुताबिक बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पाया है। प्रवेश के लिए दो चरण की लॉटरी निकालने के बाद भी करीब 966 सीटें खाली बताई जा रही हैं। गत वर्ष भी जिले में आरटीई के अंतर्गत पूरी सीटें नहीं भर पाई थीं। जिले के 520 निजी स्कूलों में इस वर्ष आरटीई के अंतर्गत रिक्त 5,189 सीटों पर बीपीएल वर्ग के बच्चों को नर्सरी, केजी-1 और कक्षा में पहली में प्रवेश दिया जाना था। इसके लिए शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन आवेदन मंगाया था। आरटीई के तहत स्कूलों में भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया मार्च-अप्रैल में शुरू कर दी गई थी।

5,189 सीटों पर प्रवेश के लिए कुल 12,938 आवेदन प्राप्त हुए।

नया शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होते ही 15 जून से पहले चरण में चयनित बच्चों को स्कूलों में प्रवेश भी दिया गया। शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जिले के 520 निजी स्कूलों में रिक्त 5,189 सीटों पर प्रवेश के लिए कुल 12,938 आवेदन प्राप्त हुए थे। आवेदनों की जांच के बाद पात्र बच्चों के नामों की सूची घोषित की गई। पहले चरण में 3,412 बच्चों को स्कूलों में दाखिला मिला। इसके बाद दूसरे चरण के लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई। द्वितीय चरण की लॉटरी के लिए 3,481 आवेदन पात्र पाए गए थे, लेकिन इनमें से 811 बच्चों का प्रवेश के लिए चयन किया गया। जिले में आरटीई के तहत रिक्त सीटों में से 4,223 सीटें ही भर पाईं। वर्तमान में करीब 966 सीटें अब भी खाली हैं। उल्लेखनीय है कि जिले में गत वर्ष भी आरटीई के अंतर्गत पूरी सीटें नहीं भर पाई थीं। आरटीई के अंतर्गत निजी स्कूलों में रिक्त सीटों पर पहले और दूसरे चरण की भर्ती की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। वर्तमान स्थिति में जिले में आरटीई के तहत करीब 966 सीटें खाली हैं।