राजस्थान के अजमेर जिले में एक ऐसा गांव है जहां 10-20 या 50 नहीं बल्कि 185 लोग परिवार के एक साथ मिलजुल कर रहते हैं। जी हां, सोचकर आप अचंभे में पड़ गए न। इस गांव का नाम रामसर है। यहां एक परिवार की पांच पीढ़ियां एक साथ रहती हैं। जहां एक साथ तेरह चूल्हों पर एक समय 25 किलो आटे की रोटियां बनाई जाती हैं। पूरे परिवार के पास 600 बीघा जमीन है।

अजमेर जिले के नसीराबाद के आगे रामसर गांव में रहने वाला यह परिवार माली (सैनी) समाज से ताल्लुक रखता है। यह परिवार आज से नहीं पीढ़ियों से एक साथ रहता हुआ आया है। इनके घर में जो रसोई है वह एक बड़े हॉल की तरह है। उसमें खाना बनाने के लिए 11 चूल्हे लगाए हुए हैं। इस परिवार में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक और लड़कियों से लेकर औरतों तक सभी एक साथ रहते हैं। घर के मुखिया ने बताया कि परिवार के लोगों का खर्च महीने का लगभग 12 लाख के आसपास होता है।

घर के मुखिया ने बताया कि घर के कुछ लोग डेयरी में काम करते हैं। वहीं कुछ लोग सरकारी कर्मचारी हैं। पूरा परिवार मिलजुल कर प्रेम के साथ एक दूसरे के साथ रहता है। हर मुसीबत में एक साथ खड़ा रहता है। परिवार के मुखिया ने बताया कि आज भी हमारे छह भाइयों का परिवार एक साथ रहता है।

उन्होंने बताया कि हम लोग खेतीबाड़ी भी करते हैं, हालांकि खेतीबाड़ी करना भी आसान नहीं है। परिवार में खेतीबाड़ी को लेकर भी काम बांटा जाता है और सभी अपने काम को बखूबी करते हैं। खेतीबाड़ी के साथ पशुपालन का काम भी किया जाता है। परिवार में सुबह घर की महिलाएं चार बजे उठ जाती हैं। कुछ महिलाएं रसोई में काम करती हैं तो कुछ खेतीबाड़ी का काम करती हैं।