राजस्थान सीआईडी की टीम के सहयोग से बारां पुलिस ने 9 करोड की स्मैक बरामद की है। ये स्मैक फतेहपुर टोल के पास झारखंड नंबर की एक कार से जब्त की गई है। इस दौरान दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है। तस्करों ने ड्राइवर साइड के दोनों टायरों के बीच गुप्त स्थान बनाकर 3 किलो 600 ग्राम स्मैक छिपाई थी। ये स्मैक उत्तर प्रदेश के लखनऊ से लाई गई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 9 करोड़ रुपये के करीब बताई जा रही है। 

एडीजी (अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस) दिनेश एमएन ने बताया कि  मुखबिर की सूचना पर गुरुवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भटनागर और नरोत्तम वर्मा के सुपर विजन में टीम गठित कर बारां जिले में भेजी गई थी।

टीम ने सदर थाना पुलिस के सहयोग से नेशनल हाईवे 27 फतेहपुर टोल पर नाकाबंदी की। नाकाबंदी से कुछ दूर पहले हाईवे से अलग खड़ी एक झारखंड नंबर की स्विफ्ट कार में इकबाल खान पुत्र लतीफ (35) निवासी ज्ञान मंदिर पावर हाउस थाना भवानी मंडी और भरत कुमार नागर पुत्र गोपाल लाल (28) निवासी केशोदा थाना बेसोदा मंडी जिला मंदसौर सवार थे। 

नाकाबंदी से पहले कार रोकने को लेकर दोनों से पूछताछ की गई तो वे  घबरा गए। पूछताछ में उन्होंने कहा कि वे पुलिस गाड़ी और जाब्ता देखकर वे डर गए थे, इसलिए पुलिस की गाड़ी के निकलने का इंतजार कर रहे थे।

एडीजी ने बताया कि दोनों व्यक्तियों के पास तलाशी में 10 हजार रुपये और दो मोबाइल मिले। गाड़ी में भी कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। इसके बाद भी दोनों कार सवार बुरी तहर घबराए हुए थे। संदेश के आधार पर एक फिर कार की बारीकी से तलाशी ली गई। इस दौरान ड्राइवर साइड के दोनों गेट के नीचे पिछले वाले टायर के आगे कार का पैनल कटा हुआ नजर आया। टायर खोलकर पैनल के अंदर चेक करने पर खाकी टेप से लिपटे दो पैकेट मिले। पहले पैकेट में 1 किलो 820 ग्राम और दूसरे पैकेट में 1 किलो 800 ग्राम कुल 3 किलो 600 ग्राम स्मैक बरामद की गई।

पूछताछ में दोनों तस्करों ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के लखनऊ से स्मैक खरीद कर चतलाव थाना इलाके की पाउखेड़ी ग्राम पंचायत सुनेल निवासी पूर्व सरपंच भगवान नागर के लिए ले जा रहे थे। आरोपियों के कबूलनामे के बाद सदर थाना पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।