7 जुलाई को अजमेर के ब्यावर के रहने वाले 7 दोस्त- साहिल तेजी, चैत्य सांखला, लालचंद डुलगच, नरेंद्र सिंह, नितेश पंडित, संदीप सांगला और अक्षय कुमावत हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस कुल्लू-मनाली घूमने के लिए निकले थे। तभी कुल्लू में अचानक बादल फटने से जल सैलाब आ गया। बड़े-बड़े पहाड़ी पत्थरों के साथ पानी के बहाव में सातों बह गए। इनमें से साहिल, लालचंद, नरेंद्र और चैत्य की मौत हो गई, जबकि नितेश पंडित, संदीप सांगला और अक्षय कुमावत का सुराग नहीं मिला है। उनकी खोजबीन जारी है। इस हादसे के बाद कुल्लू प्रशासन ने मृतकों की तस्वीरें मिले सबूतों के आधार पर ब्यावर में उनके परिजनों को उपलब्ध कराई हैं। पानी से शव फूलने और चोटों के कारण अपने बच्चों के चेहरे पहचानने में परिजनों को परेशानी हुई, तो दो के परिजनों ने उनके शरीर पर बने टैटू से उनकी डेड बॉडी की पहचान कर ली है। मृतक युवकों के परिजन डेड बॉडी लेने शुक्रवार रात को चंडीगढ़ और कुल्लू के लिए रवाना हो गए। ताज्जुब की बात यह रही कि शुक्रवार शाम तक राजस्थान सरकार या अजमेर जिला प्रशासन ने इस हादसे को लेकर किसी तरह की पुष्टि नहीं की। ना ही कोई मुआवजा घोषित किया गया। इस हादसे से पहले 8 जुलाई को साहिल तेजी ने अपने पिता लक्ष्मण तेजी से रात को मनाली पहुंचने से पहले मोबाइल पर आखिरी बातचीत की थी। जिसमें उसने कहा था कि पापा अभी हम चाय पीने रुके हैं। थोड़ी देर में मनाली पहुंच जाएंगे, फिर होटल में पहुंचकर आपसे आराम से बात करूंगा। लक्ष्मण तेजी के साहिल से बड़ी एक बेटी और एक उससे छोटा बेटा भी हैं। जब साहिल का कोई फोन नहीं आया और ना ही उसके मोबाइल पर फोन लगा, दोस्तों के भी फोन नहीं लगे, तो सभी के परिजन चिंतित हो गए और अनहोनी की आशंका हुई। तभी से परिवार में सभी का रो रोकर बुरा हाल है। पिता लक्ष्मण तेजी पिछले 5 दिन से बेटे की तलाश में दिन-रात जुटे रहे। शुक्रवार सुबह जब उन्हें साहिल की फोटो दिखाई गई, तो वे टूट गए। उन्होंने कहा मेरा बेटा साहिल हमारा हीरो था, उसके दोस्त भी उसके जैसे ही थे। 8 जुलाई को जब आखिरी बार बातचीत हुई, तब वो मनाली से कुछ दूरी पर चाय पीने के लिए रुके थे। कुछ देर बाद ही वहां बादल फटने से अचानक सैलाब आया, जो उन्हें बहाकर ले गया। साहिल और लालचंद के हाथ पर बने टैटू से उनकी  पहचान हो सकी। कुल्लू प्रशासन ने परिजनों को जो तस्वीरें उपलब्ध कराई हैं, उनमें से साहिल और उनके साथ के चार युवकों की शिनाख्त हो सकी है। साहिल तेजी के हाथ पर संग्राम, लालचंद के हाथ पर मानवीर और पंजा का निशान और नरेंद्र सिंह के हाथ पर भी टैटू गुदा हुआ था। बाकी तीन युवकों की तलाश जारी है।

चंडीगढ़ तक हेलिकॉप्टर से डेड बॉडी लाने की व्यवस्था में जुटे परिजन

जानकारी के मुताबिक चारों मृत युवकों की डेड बॉडी को मनाली से चंडीगढ़ तक हेलिकॉप्टर से लाया जाएगा। वहां से एम्बुलेंस से दिल्ली और जयपुर होते हुए अजमेर के ब्यावर तक घर लाया जाएगा। राजस्थान सरकार ने सीनियर आईएएस कुलदीप रांका और आरती डोगरा को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। जो हिमाचल सरकार और कुल्लू प्रशासन से संपर्क कर इन युवकों के शवों को ब्यावर तक पहुंचाने की व्यवस्था में जुटे हैं। 

20-20 लाख रुपए सहायता राशि देने की मांग

ब्यावर से विधायक शंकरसिंह रावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर मृत युवकों के शवों को विशेष विमान से ब्यावर लाने की व्यवस्था कराने और प्राकृतिक आपदा में मृत युवकों परिजनों को 20-20 लाख की आर्थिक सहायता देने की मांग रखी है।