विविध भारतीय भाषा संस्कृति संगम' का 5वां वार्षिक उत्सव, मुंबई

देश की अति प्रतिष्ठित संस्था,,
विविध भारतीय भाषा संस्कृति संगम' का 5वां वार्षिक उत्सव, मुंबई के केशव गोरे स्मारक गोरेगाँव पश्चिम के मृणालिनी ताई हाल मुंबई में सम्पन्न हुआ । इस कार्यक्रम में मुंबई के अलावा, देश के कौने-कौने से वरिष्ठ साहित्यकार पधारे । कार्यक्रम दो सत्रों मे पूर्ण हुआ।
प्रथम सत्रः - स्वागत और पुस्तक विमोचन । कार्यक्रम की अध्यक्षता, मुंबई के जाने-माने, कवि, शायर, लेखक, गीतकार श्री देवमणि पांडे ने की मुख्य अतिथि थे,आंध्रप्रदेश के एल सी राव विशिष्ट अतिथियों में थे, डॉ रमेश यादव और डॉ प्रमिला शर्मा । विशेष उपस्थिति सुश्री लता तेजेश्वर जी की रही, जो इस संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष व संरक्षिका साथ मे श्री कोटापल्ली तेजेश्वर जी की, जो इस संस्था के संस्थापक हैं की गरिमामय उपस्थित के साथ आरंभ दीप प्रजव्वलन व सरस्वती वंदना के साथ प्रारंभ हुआ।
कार्यक्रम में 7 नव साहित्यकारों की पुस्तकों का विमोचन किया गया जिनमें हैं, मैं भी सैनिक - लता तेजेश्वर, चंद फुहारें - लता तेजेश्वर, सूत्रधार - पारमिता षड़ंगी, शमा – गिरिमा घानेकर, कवि गंगा – सरोजा लोटाय, ज़िंदगी – हीना मोदी, मेरे आवाज - डॉ. मंजुला पाण्डेय ।चूकि यह एक बहुभाषी संस्था है, अत: इसमें हिन्दी के अलावा देश के अन्य भाषा-भाषी साहित्यकार भी शामिल हुए । ‘मैं भी सैनिक,’ किताब में, सम्मिलित सर्वश्रेष्ठ तीन रचनाओं को प्रथम द्वितीय और तृतीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया । प्रथम विजेता सुश्री मंजु शर्मा जाँगीड़, द्वितीय सुश्री गिरिमा खानेकर और तृतीय सुश्री मीना छिब्बर रहीं । इसके अलावा वर्ष 2023 में प्रकाशित हुई सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों के -लेखकों का सम्मान किया गया, जिसमें प्रमुख थी, सुश्री उषा साहू की किताब – बच्चे और त्यौहार, सुश्री शिल्पा सोनटक्के की किताब – अलाव पर ज़िदगी, सुश्री मैत्रीय कमीला – अनूदित किताब छुट्टी।
संस्था की अध्यक्ष सुश्री लता तेजेश्वर द्वारा, अपने पिता श्री गो॰ शम्भूमूर्ति आचारी की स्मृति में साहित्य भूषण सम्मान दिया जाता है । इस वर्ष यह सम्मान, श्री बंशीधर षड़ंगी जी को, उनके आजीवन साहित्य लिखन के लिए प्रदान किया गया । चूँकि श्री बंशीधर षड़ंगी जी, महामहिम राष्ट्रपति जी के कार्यक्रम में शामिल होने की वजह से इस कार्यक्रम में उपस्थित न हो सके, इसलिए उनकी पुत्री सुश्री पारमिता षड़ंगी ने यह पुरस्कार गृहण किया ।
दूसरा सत्रः- कवि सम्मेलन व विमर्श आयोजन किया, इस सत्र की अध्यक्षता डॉ॰ रमेश यादव रहे अन्य श्रीमती मैत्रेय कामिला,शिल्पा सोनटके, पूर्णिमा पाण्डेय ,प्रसाद , चिरंजीव राव और उषा साहू मंचीय कविगण और अन्य प्रभुध्द कविगणों की उपस्थित जो इस आयोजन के सम्मानित अतिथि रहे उन्होंने भी इस कविसम्मेलन मे सक्रियता से भाग लेकर और भी आनंदमय बना दिया जिसमें , साहित्य के सभी रसों को प्रस्तुत किया ।गजल से आरंभ हुआ,उषा साहू की कविता ‘पूनम की रात’ रात ने, सब को भाव-विभोर कर दिया । इस कार्यक्रम में, देश की कई भाषाओं जैसे गुजराती,उड़िया, अँग्रेजी आदि भाषाओं में काव्य पाठ किया गया । कार्यक्रम का कुशल संचालन नूरसबा श्यान ने किया जो इस कार्यक्रम को बहुत ऊँचाई तक पहुचाने मे मददगार साबित हुई। अंत मे मैत्रीय कमीला के धन्यवाद ज्ञापन के साथ, आपसी मेल मिलाप और फिर मिलते रहने की चाह लिए बिदाई के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ ।साभार ---उषा साहू।
प्रेषक... लिगंम चिरंजीव राव