जयपुर । राजस्थान में लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही बीजेपी की तरह ही कांग्रेस में भी निर्दलीयों के चुनाव लड़ने के ताल ठोकने से कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के गढ़ दौसा में उनके करीबी युवा नेता नरेश मीणा ने चुनाव लड़ने की ताल ठोक कर कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है। 
मीणा के चुनाव लड़ने की घोषणा से पार्टी नेताओं की नींद उड़ी हुई है। माना जा रहा है कि अगर नरेश मीणा चुनाव लड़ते हैं तो इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना होगा। ऐसे में कांग्रेस को डैमेज कंट्रोल करते हुए नरेश मीणा को मनाना आवश्यक हो गया है। लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ निर्दलीय चुनाव लड़ने की ताल ठोकने वाले नेता नरेश मीणा ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों की टेंशन बढ़ा दी है। नरेश मीणा ने 27 मार्च को नामांकन रैली करने का ऐलान कर दिया है। साथ ही कांग्रेसी नेताओं पर भी नरेश मीणा ने जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि मैं लगातार कह रहा हूं कि मुझे कांग्रेस में ले लो लेकिन राजस्थान के नेता सिर्फ टालमटोल कर रहे हैं। नरेश मीणा ने कहा कि नेताओं के पास ही ठेका है कि उनके परिवार और उनके बच्चे ही चुनाव लड़ें और मंत्री बनें। दौसा को राजेश पायलट, किरोड़ी लाल और नवल किशोर जैसे नेताओं की जरूरत है। मैंने मुरारी लाल मीणा की बेटी निहारिका के लिए भी बड़ी मेहनत की थी और सबके लिए करता आया हूं। उसके बावजूद मेरे लिए कोई मेहनत नहीं करता। मेरे पास बीजेपी से भी ऑफर आया था लेकिन मैं बीजेपी में नहीं जाऊंगा। नरेश मीणा राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व महासचिव और छात्र नेता हैं। इन्हें सचिन पायलट का करीबी माना जाता है। छात्र आंदोलन के दौरान नरेश मीणा पर पुलिस ने कई मामले दर्ज किए। इसके चलते गत दिनों अटरू थाना क्षेत्र के एक गांव में कांग्रेस नेता दिनेश मीणा झारखंड हत्याकांड को लेकर मीणा समाज ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान रास्ता जाम किया गया। बस में आग लगाने के मामले में पुलिस ने कांग्रेस के युवा नेता नरेश मीणा को गिरफ्तार भी किया था।