लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सड़क हादसों और उससे होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए गंभीरता से प्रयास किए हैं। इसके लिए सरकार की ओर से न सिर्फ व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, बल्कि नियमावली के माध्यम से लोगों को सड़क पर सेफ ड्राइविंग के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त नियमावली के उल्लंघन पर योगी सरकार सख्ती से प्रवर्तन कार्यवाही को भी अंजाम दे रही है। शुक्रवार को विधानसभा में परिवहन विभाग से संबंधित ऐसे ही सवालों पर योगी सरकार की ओर से सड़क सुरक्षा संबंधी तथ्यों से सदन को परिचित कराया गया। इसमें बताया गया कि सरकार ने एक्सप्रेसवे पर ओवरस्पीडिंग की रोकथाम के साथ-साथ लोगों को हेल्मेट, सीट बेल्ट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है।  उल्लेखनीय है कि प्रदेश में राज्य सड़क सुरक्षा नीति के साथ ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक के माध्यम से भी सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। 
परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि समस्त एक्सप्रेस-वे पर ओवरस्पीडिंग की रोकथाम के लिए इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों के अंतर्गत एएनपीआर कैमरा के द्वारा ओवरस्पीडिंग करने वाले वाहनों के विरूद्ध ऑटोमेटिक ई-चालान की कार्यवाही की जा रही है। ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों के विरूद्ध एक्सप्रेव-वे पर वे-इन मोशन की स्थापना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी द्वारा की गई है। इसके अतिरिक्त समस्त टोल प्लाजा पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम के द्वारा चालकों एवं वाहन स्वामियों को ओवरस्पीडिंग एवं ओवरलोडिंग न किए जाने, अपनी लेन में वाहन चलाने, नशे की हालत में वाहन न चलाने, गलत दिशा में वाहन न चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करने, वाहन चलाते समय सीटबेल्ट का प्रयोग करने, दोपहिया वाहन चलाते समय हेल्मेट लगाने, पहनने की जानकारी दी जाती है। जन मानस में सड़क सुरक्षा  नियमों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे- सेमिनार, नुक्कड़ नाटक, बाइकथॉन, स्टेक होल्डर्स कार्यशाला, सड़क सुरक्षा गोष्ठी, स्कूटर वाहन रैली का आयोजन किया जाता है तथा सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों से संबंधित लीफलेट-पम्फलेट, पॉकेट कैलेन्डर-फोल्डर आदि का वितरण किया जाता है। विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के स्तर पर सड़क सुरक्षा से संबंधित विषयों पर निबंध, चित्रकला एवं भाषण प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जाती है।
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों का विश्लेषण कर हेल्मेट, सीटबेल्ट न पहनने, ओवर स्पीडिंग करने, ड्रंकन ड्राइविंग, रांग साइड ड्राइविंग तथा वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों के विरूद्व प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही किए जाने के लिए प्रत्येक जनपद के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। यातायात नियमों के प्रति लोगों को अनुशासित एवं जागरूक बनाए जाने के लिए प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही के अंतर्गत प्रत्येक सप्ताह में किसी भी दो दिन हेलमेट एवं सीट-बेल्ट के विरूद्ध औचक चेकिंग की कार्यवाही कराई जाती है। 44 इण्टरसेप्टर वाहनों द्वारा ओवर स्पीडिंग के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। 276 ब्रेथ-एनालाइजर द्वारा ड्रंकन ड्राइविंग के विरूद्ध कार्यवाही कराई जाती है। विभिन्न अपराधों में ड्राइविंग लाईसेंस निलंबन की कार्यवाही की जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के लगभग 9682 एवं उच्च शिक्षा विभाग के लगभग 1015 रोड सेफ्टी क्लबों का गठन किया जा चुका है, जिसके द्वारा छात्रों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाई जाती है।