हिंदू धर्म में माघ के महीने का बेहद खास महत्व माना जाता है. माह के महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस बार 9 फरवरी को मौन अमावस्या है, जिसका ज्योतिष शास्त्र में काफी महत्व बताया गया है. साथ ही इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस दिन मौन व्रत रखने का भी विधान है. हालांकि गृहस्थ लोगों को दिनभर मौन रहना थोड़ा कठिन हो जाता है. ऐसे में वह पूजा पाठ करने के बाद अपना मौन व्रत खोल सकते हैं.

उत्तराखंड के चमोली के रहने वाले पंडित प्रदीप लखेड़ा ने बताया कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या की तिथि 9 फरवरी को सुबह 7 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी. जबकि इसका समापन अगले दिन 10 फरवरी सुबह 4 बजकर 52 मिनट पर होगा, लेकिन उदया तिथि 9 फरवरी की है, इसलिए इसी दिन स्नान किया जाएगा. साथ ही बताया कि इस दिन दान करने से और पवित्र नदियों में डुबकी लगाने के बाद शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध हो जाती हैं. इस दिन उपवास करने से भी अच्छे फल की प्राप्ति होती है. साथ ही इस दिन ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्… का 108 बार जाप जरूर करें. जो व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है, उसे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और वह किसी भी प्रकार की समस्या से मुक्ति पा सकता है.

पितृ दोष से मिलती है मुक्ति!
पंडित प्रदीप लखेड़ा ने बताया कि मौनी अमावस्या के दिन सूर्यदेव को जल चढ़ाएं. हिंदू धर्म में इसे काफी शुभ माना जाता है. ऐसा करने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन कई काम वर्जित हैं, जिसमें मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना, देर तक सोना आदि शामिल है.