पाकिस्तान के वर्ल्ड कप मैच को लेकर फिर मचा बवाल....
BCCI के सामने वर्ल्ड कप 2023 के आयोजन से डेढ़ महीने पहले एक बड़ी मुसीबत आ खड़ी हुई है. पाकिस्तान के वर्ल्ड कप मैच को लेकर फिर बवाल मचा हुआ है. वर्ल्ड कप 2023 के 9 मैचों के कार्यक्रम में बदलाव के कुछ ही दिनों बाद ही हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सामने एक मांग रखी गई है. हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से 2023 वर्ल्ड कप कार्यक्रम में बदलाव करने के लिए अनुरोध किया है.
हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से यह अनुरोध तब आया है, जब स्थानीय पुलिस ने पूर्व चैंपियन पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच होने वाले मैच सहित बैक-टू-बैक मैचों की मेजबानी पर चिंता जताई है. हैदराबाद के उप्पल में राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम 9 अक्टूबर को न्यूजीलैंड बनाम नीदरलैंड मुकाबले की मेजबानी करने वाला है, इसके बाद अगले दिन पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच मैच होगा. हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) 12 अक्टूबर को होने वाले पाकिस्तान-श्रीलंका मैच के साथ 45 मैचों में से केवल तीन की मेजबानी करने वाला है, लेकिन बीसीसीआई ने सुरक्षा संबंधी परेशानियों से बचने के लिए अन्य कार्यक्रमों के साथ टकराव को समायोजित करने के लिए नौ मैचों के कार्यक्रम में बदलाव किया है.
BCCI के सामने खड़ी हुई बड़ी मुसीबत!
पाकिस्तान बनाम श्रीलंका मैच को उसकी मूल तारीख 12 अक्टूबर से आगे बढ़ाकर 10 अक्टूबर कर दिया गया. ऐसा 1992 वर्ल्ड कप विजेताओं को 14 अगस्त को अहमदाबाद में मेजबान भारत के साथ होने वाले बहुप्रतीक्षित मुकाबले की तैयारी के लिए पर्याप्त समय देने के लिए किया गया था. हैदराबाद से कई रिपोर्टों के अनुसार, एचसीए ने दो मैचों के बीच पर्याप्त अंतर सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम में बदलाव के लिए एक आधिकारिक अनुरोध भेजा है.
सुरक्षा में विफल हो सकते हैं
हैदराबाद पुलिस ने एचसीए को सूचित किया है कि बैक-टू-बैक मैचों के आयोजन के परिणामस्वरूप वे पाकिस्तान टीम को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में विफल हो सकते हैं, इसके लिए स्टेडियम और टीम होटल में पर्याप्त संख्या में सैनिकों को तैनात करने की भी आवश्यकता होगी. जाहिर तौर पर, पाकिस्तान-श्रीलंका मैच को आगे बढ़ाने से पहले एचसीए से सलाह नहीं ली गई थी. अब यह देखना होगा कि बीसीसीआई इस अनुरोध पर कैसे प्रतिक्रिया देगा क्योंकि शेड्यूल में पहले बदलाव को लेकर उसे पहले ही विदेशी मीडिया से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है.