उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी ऐतिहासिक धरोहर, अतुल्य विरासत और धार्मिक संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है.इस शहर के विरासत में बड़ी काली जी मंदिर जैसे ऐतिहासिक मंदिर भी शामिल हैं,जो अपने अपार सौंदर्य और आध्यात्मिकता के साथ-साथ चमत्कार के लिए जाना जाता है. बड़ी काली जी मंदिर के प्रांगण में मौजूद देवी-देवता बेहद प्राचीन स्थलों में से एक हैं और भक्त यहां दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते है.

बड़ी काली जी मठ के व्यवस्थापक हंसानंद महाराज ने बताया कि जितना प्राचीन माता का मंदिर है,उतना ही प्राचीन मंदिर में अन्य देवी-देवताओं के भी मंदिर हैं.महाराज ने बताया कि संकटा माता, भैरव बाबा, खोखा माता और हनुमान जी इनकी एक विशेषता है जो इन्हें अन्य मंदिर से धार्मिक दृष्टिकोण से अलग बनाता है. यहां मौजूद संकटा माता की लीलाएं अपार हैं. सुबह माता का चेहरा मुस्कुराता है, दोपहर में सौम्य हो जाता है, जबकि रात्रि में माता का चेहरा क्रोधित हो जाता है. कोई भी सुबह से लेकर रात तक माता को देखेगा तो प्रत्यक्ष देखने को मिलेगा.

लीलाएं अपार माता की
खोखा माता के दर्शन के लिए भक्त दूरदराज से आते है. दावा किया जाता है कि नवरात्रि के समय माता को जिस जल से स्नान कराया जाता है वो जल कोई रोगी पी लेता तो उसको गले का कैंसर जैसी बड़ी बीमारी ठीक हो जाती है. इसके साथ ही कहा जाता है कि भैरव बाब के मंदिर में बाबा की मूर्ति दिनभर में तीन बार छोटी बड़ी होती है.सुबह मूर्ति अपने मूल साइज में होती, दोपहर में साइज कम हो जाता जबकि शाम में और एकदम छोटी हो जाती है.

हनुमान जी अपने पुत्र मगरध्वज के साथ
यहां एक विशेष मंदिर है जो पूरे भारत में दूसरा मंदिर है जहां दक्षिण मुखी हनुमान जी अपने पुत्र मगरध्वज के साथ विराजमान है. हनुमान जी और मगरध्वज के बीच में जो जगह है, वहां बैठकर कोई भी मनोकामना मांगने पर पूरी होती है. ऐसा यहां का विश्वास है और सबकी मनोकामना पूरी भी होती है. विदेशों की एक बार टीम आई थी और उन्होंने यहां पर नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा का माप किया था.तो इसमें पाया गया था कि मंदिर में सकारात्मक ऊर्जा काफी अधिक है.

भक्तों की होती मनोकामना पूर्ण
यहां दर्शन करने वाली एक भक्त ने कहा है कि यह माता का सच्चा दरबार है,यहां दर्शन करने से सुख का अनुभव होता है और जब से यहां पर दर्शन कर रही हू,माता ने मेरे कल्याण किया है और मेरी कुछ ऐसी मनोकामना थी जो माता ने पूर्ण करी है.आप अगर भी करना चाहते हैं यहां दर्शन तो आना होगा बड़ी काली जी मंदिर, चौक. आप चारबाग रेलवे स्टेशन से ऑटो कैब द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं.