दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 38 कर्मचारियों के ट्रांसफर के निर्णय ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने हाल ही में 38 संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के ट्रांसफर कर दिए थे, जिसके बाद इस मामले की शिकायत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से की गई।

अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखकर पूछा है कि कर्मचारियों के यह ट्रांसफर किस समिति की सहमति के बाद किए गए हैं। हाल ही में अस्पताल की मेन पावर समिति ने 38 कर्मचारियों के ट्रांसफर कर दिए थे, जिसके बाद इस पर विवाद खड़ा हुआ है।

अब इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकित्सा अधीक्षक को लिखे पत्र में निर्देश दिए हैं कि कर्मचारियों के ट्रांसफर उप निदेशक की सहमति के बगैर न किए जाएं। इसके साथ ही चिकित्सा अधीक्षक से पत्र में पूछा गया है कि क्या इस संबंध में अस्पताल की किसी समिति ने उप निदेशक (प्रशासन) को ट्रांसफर करने का सुझाव दिया था।

ये भी पूछा है कि क्या उप निदेशक (प्रशासन) की अनुमति के बिना ये ट्रांसफर किए गए हैं। इससे पहले अस्पताल में 38 कर्मचारियों के ट्रांसफर के बाद अस्पताल में खींचतान शुरू हो गई थी।

अस्पताल के उपनिदेशक प्रशासन के करीबियों का कहना है कि चिकित्सा अधीक्षक ने उपनिदेशक के अधिकारों की रेखा का उल्लंघन किया था। कर्मचारियों को उम्मीद है कि अब उनके ट्रांसफर पर रोक लग सकती है।