रांची। टेंडर कमीशन घोटाले का फलक बड़ा होता जा रहा है। इस केस में मंत्री आलमगीर आलम गिरफ्तार हो चुके हैं और वर्तमान में ईडी की रिमांड पर हैं। अब इस केस में चंपई कैबिनेट के दो और मंत्रियों के नाम जुड़ गए हैं। इन मंत्रियों में कृषि मंत्री बादल व अल्पसंख्यक कल्याण, युवा कार्य विभाग के मंत्री हाफिजुल हसन शामिल हैं।

दोनों पर टेंडर दिलाने के बदले कमीशन वसूलने का आरोप

इन पर आरोप है कि इन्होंने अपने लोगों को टेंडर दिलवाया और उसके बदले में कमीशन वसूला। ईडी को इन दोनों मंत्रियों की भूमिका की जानकारी अब तक गिरफ्तार पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम, मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल आदि ने पूछताछ में दी है। इससे संबंधित कुछ दस्तावेज भी ईडी के हाथ लगे हैं, जिसके सत्यापन में इन दोनों की भूमिका संदेह के घेरे में है। मंत्री बादल कांग्रेस से जब हाफिजुल हसन झारखंड मुक्ति मोर्चा से हैं। ईडी के सूत्रों के अनुसार इन दोनों मंत्रियों को ईडी जल्द समन करने जा रही है और उनसे पूछताछ भी करेगी।

मंत्री आलमगीर आलम 27 मई तक हैं ईडी की रिमांड पर

ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम आगामी 27 मई तक ईडी की रिमांड पर हैं। उन्हें ईडी ने 15 मई को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। टेंडर पास करने के एवज में कमीशन में मोटी रकम वसूलने के मामले में उनकी संलिप्तता सामने आई थी। उनकी गिरफ्तारी उनके निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर की गिरफ्तारी के बाद हुई थी। दोनों को ईडी ने छह मई को गिरफ्तार किया था। उनके व उनसे जुड़े ठिकानों से ईडी ने करीब 37.54 करोड़ नकदी व भारी मात्रा में टेंडर कमीशन से जुड़े दस्तावेज बरामद किया था।

कल आइएएस मनीष रंजन से होनी है पूछताछ

ईडी कल यानी शुक्रवार को ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव आइएएस मनीष रंजन से पूछताछ करेगी। मनीष रंजन वर्तमान में सड़क, भवन निर्माण व भू-राजस्व विभाग के सचिव हैं। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव रहते टेंडर पास करने के एवज में अवैध तरीके से मोटी रकम वसूलने के मामले में ईडी उनसे पूछताछ करेगी।