छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में करंट लगने से बाघ की मौत का मामला सामने आया है। घटना के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया। इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। कहा जा रहा है कि आरोपियों ने जंगली सुअर के शिकार के लिए जाल बिछाया हुआ था, जिसकी चपेट में आने से बाघ की मौत हो गई है।  

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ के गोमर्डा अभ्यारण्य में दिसंबर माह में क्षेत्र के जंगल मे एक बाघ को विचरण करते देखा गया था। जिसके बाद वन विभाग के द्वारा कैमरा ट्रैप लगाकर तथा STPF Tiger का गठन कर उक्त बाघ का सतत् निगरानी की जा रही थी। साथ ही लगातार मॉनिटरिंग एवं ट्रैकिंग किया जा रहा था। इसी बीच 12 जनवरी  के पश्चात् इसके जंगल मे बाघ के फूटप्रिंट नहीं मिलने के कारण वन विभाग को हुई शंका के आधार पर विभाग ने अपने मुखबीरों को अलर्ट कर जांच शुरू कर दी।

जिसके बाद आरोपियों को पकड़ा गया जिनके द्वारा पूछताछ में बताया गया कि जंगली सुअर का शिकार करने के लिए लगाये गये बिजली तार में बाघ की मौत हो गई। पकड़े जाने के डर से शिकारियों ने बाघ के शव को नजदीक जंगल में लात नदी के किनारे दफना दिया था। आरोपियों की निशानदेही पर बाघ के शव बरामद कर लिया गया।