पाकिस्तान न सिर्फ भोजन की कंगाली से गुजर रहा है बल्कि अब देश में ईंधन की कमी से हाहाकार मचा हुआ है। ईंधन के दाम इतने रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रही है कि आम आदमी तो क्या अब एयरलाइन कंपनी भी ईंधन खरीद नहीं पा रही हैं। ईंधन की कमी की वजह से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन (PIA) की उड़ानें कई महीनों से गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं। सोमवार को भी एयरलाइन ने कराची, लाहौर, इस्लामाबाद, क्वेटा, बहावलपुर, मुल्तान, ग्वादर और पाकिस्तान के अन्य शहरों से 26 उड़ानें रद्द कर दीं।  जियो न्यूज ने यह जानकारी दी है। 

पीआईए के प्रवक्ता ने बताया कि प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानें उपलब्ध कराई गईं। इस बीच, पीआईए के अनुसार आज कराची से केवल तीन उड़ानें उड़ान भरेंगी। 21 अक्टूबर को PIA ने दो दिन की ईंधन आपूर्ति के लिए पाकिस्तान स्टेट ऑयल (PSO) को PKR 220 मिलियन (लगभग 789000 USD) का भुगतान किया।

पीआईए के प्रवक्ता ने कहा कि एयरलाइन ने ईंधन के प्रावधान के लिए पीएसओ को अब तक 500 मिलियन रुपये का भुगतान किया है उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान एयरलाइन पीएसओ को प्रतिदिन भुगतान कर रहा है।पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन वर्तमान में सऊदी अरब, कनाडा, चीन, कौला लुम्पुर और अन्य सहित मार्गों के लिए ईंधन प्राप्त कर रहा है।

इससे पहले भी कई उड़ानें हुईं बाधित 

इससे पहले भी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) को कई बार ईधन की कमी के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। कई बार बकाया भुगतान न करने के कारण घरेलू उड़ानों को बाधित किया गया। डॉन की रिपोर्ट में बताया गया कि  ईंधन की आपूर्ति पूरी न होने के कारण कई उड़ानों को रोका गया। 

PIA ने 22.9 अरब रुपये की मांगी थी आपातकालीन राहत राशि 

पीआईए ने 22.9 अरब रुपये की आपातकालीन राहत राशि मांगी थी, जिसे पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने खारिज कर दिया था। पीआईए ने यह भी चेतावनी दी थी कि बोइंग और एयरबस सितंबर के मध्य तक स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति निलंबित कर सकते हैं। एआरवाई न्यूज के अनुसार, जुलाई में फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) ने 2 अरब रुपये से अधिक करों का भुगतान न करने के आधार पर  पीआईए के खाते को फ्रीज कर दिया।

पिछले साल जनवरी में भी एफबीआर ने पीआईए के 53 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। एफबीआर एक रिपोर्ट में पाया गया था कि पीकेआर 26 बिलियन के टैक्स में चूक हुई थी। हालांकि, पीआईए द्वारा करों को जल्द से जल्द चुकाने के आश्वासन देने के बाद उन बैंक खातों को फिर से बहाल कर दिया गया।