पूर्वी दिल्ली। पूर्वी दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी के पुराने लोकसभा क्षेत्रों में शुमार है। यह काफी हॉट सीट रही है। सबसे दिलचस्प लोकसभा चुनाव वर्ष 1996 का रहा है, जब 122 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। इनमें से 117 पुरुष और पांच महिला प्रत्याशी रहीं।

एक प्रतिशत वोट पाने के तरस गए 118 प्रत्याशी

उस वर्ष 50.54 प्रतिशत मतदान हुआ था। तब भाजपा के बीएल शर्मा ‘प्रेम’ चुनावी अखाड़े के मुकाबले के विजेता बने थे। उन्हें 5,38,655 वोट मिले थे। 118 प्रत्याशी एक प्रतिशत वोट पाने तक को तरस गए थे। सबसे आखिरी पायदान पर रहे निर्दलीय उम्मीदवार जगदीश कुमार रहे थे, उन्हें मात्र 112 वोट मिले थे।

बताते हैं कि जहां वह रहते थे, वहां के भी पूरे वोट नहीं ले पाए थे। इससे पहले वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में 105 उम्मीदवारों ने संसद पहुंचे का सपना देखा था। फिलहाल इसमें से भी भाजपा के बीएल शर्मा ‘प्रेम’ को सफलता मिली थी।

पहली बार थे तीन प्रत्याशी

पूर्वी लोकसभा सीट  वर्ष 1966 में परिसीमन पर अस्तित्व में आई थी। पहली बार चुनाव 1967 में हुआ था। तब तीन ही प्रत्याशी उतरे थे। जनसंघ से हरदयाल देवगन, कांग्रेस से बी मोहन और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया से वीएन कौशिक ने चुनाव लड़ा था। 2,65,230 मतदाता थे, जिनमें से 1,78,484 ने मतदान कर हरदयाल देवगन को सांसद चुना था। देवगन को 48.76 प्रतिशत यानी 83,261 मत मिले थे।

महिलाओं को नहीं मिली तवज्जो

इस सीट पर महिलाओं ने खूब भाग्य आजमाया, लेकिन मतदाताओं ने उनको कभी तवज्जो नहीं दी। वर्ष 1998 में कांग्रेस के टिकट पर शीला दीक्षित ने यहां से चुनाव लड़ा था, उन्हें तक शिकस्त मिली थी।

वह दूसरे नंबर पर रही थीं। भाजपा के लाल बिहारी तिवारी को विजय प्राप्त हुई थी। वर्ष 2019 में आम आदमी पार्टी से आतिशी समेत चार महिलाएं चुनावी मैदान में थीं, लेकिन जीत नसीब नहीं हुई थी।