वर्षा के पानी ने शहर की कई कॉलोनियों को अपनी चपेट में ले लिया है। पानी कम होने की बजाय लगातार बढ़ रहा है। रात भर में आजाद नगर और दीदार नगर में तीन से चार फिट तक पानी का स्तर बढ़ गया है तो सुबह इसने कुबेर कालोनी में भी घुसपैठ कर दी है। दीदार नगर और आजाद नगर में कई इलाके ऐसे हैं जहां पानी का स्तर आठ से 10 फिट तक पहुंच गया है। पानी का स्तर लगातार बढ़ने पर लोगों तक राहत पहुंचाना भी मुश्किल होने लगा है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के निवासियों के राशन के साथ-साथ पशुओं तक के चारे की समस्या खड़ी होने लगी है। लोगों ने पानी से बचाव के लिए अपने घरों के गेट के सामने ईंटों की दीवारें खड़ी करनी शुरू कर दी हैं। कई जगहों पर ट्रैक्टरों की बजाय किश्तियों से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

एनडीआरएफ की टीम लोगों की मदद के लिए डटी हुई

नगर परिषद और एनडीआरएफ की टीम किश्ती, ट्रैक्टर ट्राली और जेसीबी के साथ लोगों के मदद के लिए डटी हुई है। शहर भर की धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं ने भी लोगों की सहायता के लिए कमर कस ली है। बुधवार को दिन भर कई संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने ट्रालियों में पानी की बोतलें और खाने-पीने की सामग्री भरकर बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों तक पहुंचाई तो हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से लोगों को भोजन बांटा गया। सीएम विंडो एमिनेंट पर्सन प्रदीप झांब सहित समाजसेवी राजवंत कौर दिन भर राहत सामग्री पहुंचाने में जुटे रहे।

अभी टला नहीं है खतरा

अभी खतरा टला नहीं है। शहरी कॉलोनियों में लगातार पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है। बुधवार की सुबह कुबेर कॉलोनी में भी पानी ने मार करनी शुरू कर दी है। सरस्वती नदी का किनारा टूटने पर पानी तेज बहाव के साथ कॉलोनी की ओर बढ़ने लगा है। लोगों ने आनन-फानन में अपने घरों के सामने मिट्टी डालकर पानी घरों के अंदर घुसने से रोकने का प्रबंध करना शुरू किया। लोगों के मन में पानी का स्तर बढ़ने से डर गहराता जा रहा है। 

पशुओं के लिए चारे की समस्या

पानी के मार में फंसे कॉलोनीवासी तो जैसे-तैसे अपने खाने-पीने का जुगाड़ कर रहे हैं। इन कॉलोनियों में रहने वाले पशु पालकों के सामने अपने पशुओं के चारे की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है। दीदार नगर निवासी महिला शिमला देवी ने कहा कि तीन दिन से पशु भूखे हैं। बड़ी मुश्किल छोटे बछड़े और बछड़ियों के लिए सूखे चारे का इंतजाम किया है। बड़े पशुओं की भूख मिटाने के लिए उनके पास पर्याप्त चारा ही नहीं है।