बहादुरगढ़। (Nafe Singh Rathi Murder Case Hindi News) नफे राठी हत्याकांड में उनके पुत्र जितेंद्र राठी ने प्रदेश सरकार और भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए। जितेंद्र राठी ने कहा कि सरकार केस को जान बूझकर दबाने का काम कर रही है। उन्होंने नामजद आरोपितों का नार्को टेस्ट कराने की मांग की है।

जितेंद्र ने इस दौरान सरकार और जांच अधिकारियों पर कई बड़े सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि गिरफ्त से बाहर दूसरे हमलावर किसी दूसरी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। हथियारों की बरामदगी अब तक नहीं हुई। गाड़ी पर जीपीएस लगाया तो किसने लगाया। अब तक पुलिस पता नहीं लगा पाई। आज दो माह हो चुके हत्या हुए।

आरोपित अभी पकड़ से बाहर हैं। एफआईआर में जिनके नाम हैं उन्हें गिरफ्तार करें। हमारे साथ न्याय करे। सीबीआई को अब तक केस ट्रांसफर नहीं हुआ। इसके पीछे सरकार की क्या मंशा है। आज दो माह हो चुके। कौन इस फ़ाइल को रोके बैठा है। जांच अब तक शुरू नही हुई। क्या सरकार सबूतों के खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है। भाजपा के बड़े नेता भी इस हत्याकांड में शामिल हैं।

हरियाणा की राजनीति में था नफे सिंह राठी का नाम शुमार

इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदेश अध्यक्ष एवं बहादुरगढ़ से दो बार विधायक रह चुके नफे सिंह राठी (Nafe Singh Rathi Murder) की को माह पहले उनकी गाड़ी में गोली मारकर हत्या कर दी गई। नफे सिंह राठी की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के प्रिय साथियों और इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला के विश्वासपात्रों में होती थी।

नफे सिंह राठी का हरियाणा की राजनीति में बड़ा नाम रहा है। वह बहादुरगढ़ से 1996 और 2005 में इनेलो के टिकट पर दो बार विधायक रह चुके हैं। दो बार बहादुरगढ़ नगर परिषद के चेयरमैन भी रहे हैं। आल इंडियन स्टाइल रेसलिंग एसोसिएशन के प्रेसिडेंट का दायित्व भी नफे सिंह राठी ने निभाया है। अपने दौर में उन्होंने कुश्तियां भी लड़ी।

राठी ने एक साल 2009 में इनेलो के टिकट पर रोहतक से दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। राजनीतिक मजबूरियों के चलते 2014 में जब इनेलो ने नफे सिंह राठी का टिकट काट दिया था, तब वह निर्दलीय चुनाव लड़े थे। इनेलो के विघटन के बाद नफे सिंह जेजेपी में नहीं गए, लेकिन कुछ दिन भाजपा में रहने के बाद इनेलो में वापस लौट आए थे।