दिल्ली | कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले 14 कोरोना योद्धाओं के परिवार को दिल्ली सरकार एक-एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि देगी। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समूह की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।बैठक के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के कोरोना योद्धाओं ने महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना मानवता और समाज की रक्षा करने का काम किया। इस महामारी से लड़ते हुए कई योद्धाओं की जान चली गई।

सरकार इनके सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है। इस राशि से दिवंगत कोरोना योद्धाओं के परिवार के नुकसान की पूर्ति तो नहीं की जा सकती, लेकिन परिवार को एक सम्मानजनक जीवन जीने का जरिया जरूर मिलेगा।उन्होंने कहा कि हमारे कोरोना योद्धाओं ने लोगों की सेवा करते हुए अपनी जान की परवाह भी नहीं की और खुद संक्रमित होकर शहीद हो गए। दिल्ली और देश कोरोना योद्धाओं के इस बलिदान को भूलेगा नहीं।

सिसोदिया ने कहा कि अपनी मानवता की रक्षा करते हुए व  ड्यूटी निभाते हुए हमारे कोरोना योद्धा शहीद हुए लेकिन उनके पीछे हम उनके परिवार को अकेला नहीं छोड़ेंगे। शहीदों की शहादत और उनके परिवार का सम्मान करना केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक भाई-बेटे के रूप में इन शहीदों के कोरोना योद्धाओं के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है।

इनके परिवार को मिलेगी राशि
संजय कुमार गुप्ता, डॉ. अनिल कुमार रावत, जगराम, बाबूराम, मोहन सिंह नेगी, राजीव मल्होत्रा, रीता वोहरा, डॉ. प्रेरणा जैन, डॉ. रमेश कुमार, रजनी चौहान, गायत्री शर्मा, रवि कुमार, मधु राणा और देवराज।

शहीद करमबीर सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि
केजरीवाल सरकार ने कोरोना योद्धाओं को सम्मान देने की अपनी योजना के तहत  दिल्ली पुलिस ने जांबाज शहीद करमबीर सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान की। दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर (ड्राइवर) करमबीर सिंह ने कोरोना महामारी के दौरान देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

खाद्य आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन नेे शुक्रवार को मुस्तफाबाद के विधायक हाजी यूनुस, जिलाधिकारी उत्तर पूर्व गीतिका शर्मा सहित राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिवंगत करमबीर सिंह की पत्नी जय पाली देवी को एक करोड़ रुपये का चैक सौंपा।

करमबीर सिंह के परिवार में उनकी पत्नी और पांच बेटी और एक बेटा है। इस मौके पर इमरान हुसैन ने कहा कि दिल्ली के कोरोना योद्धाओं ने महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना मानवता और समाज की रक्षा करने का नेक काम किया  और अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया।