सरयू एक्सप्रेस में महिला मुख्य आरक्षी के साथ हुई घटना पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने मामले में रविवार को छुट्टी के दिन भी सुनवाई की। चीफ जस्टिस के आवास पर बैठी स्पेशल बेंच ने रेलवे व यूपी सरकार से जवाब तलब किया। कोर्ट ने आज सोमवार को दोपहर 12 बजे तक मामले में अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा तलब किया है।

कोर्ट में रविवार को हुई सुनवाई में जांच से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी को पेश होने के निर्देश दिए हैं। उसे कोर्ट में बताना होगा कि अब तक मामले में क्या कार्रवाई की गई है। सरकार को यह भी बताना होगा कि अभी तक आरोपियों की पहचान व गिरफ्तारी हुई या नहीं।

मुख्य न्यायाधीश प्रींतिकर दिवाकर और न्यायाधीश आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में रविवार को मामले की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के वकील रामकुमार कौशिक ने मामले में चीफ जस्टिस को पत्र देकर इसे पीआईएल के तौर पर स्वीकार करने का अनुरोध किया था। इस पर कोर्ट ने यूपी सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल, शासकीय अधिवक्ता एके संड, एडिशनल गवर्नमेंट एडवोकेट जेके उपाध्याय व एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल प्रियंका मिड्ढा को तलब किया था।

ध्यान रहे कि 30 अगस्त को अयोध्या रेलवे स्टेशन पर सुबह करीब 4 बजे मनकापुर से प्रयागराज जा रही सरयू एक्सप्रेस में एक महिला मुख्य आरक्षी गंभीर रूप से घायल मिली थी। उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे, साथ ही चेहरे व गले पर धारदार हथियार से कई बार किए गए थे।

जीआरपी अयोध्या ने उसे इलाज के लिए श्रीराम अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया था। महिला आरक्षी की हालत स्थिर बताई जा रही है लेकिन वह घटना के पांच दिन बाद भी बयान देने की स्थिति में नहीं है। उक्त महिला आरक्षी प्रयागराज की रहने वाली है। साथ ही सुल्तानपुर जिले में तैनात है। अयोध्या सावन झूला मेला में उसकी ड्यूटी लगी थी, वह इस ट्रेन से ड्यूटी के लिए ही आ रही थी।  एसपी रेलवे पूजा यादव का कहना है पुलिस की चार टीमें मामले की जांच में जुटी हुई है।