बिजनौर से शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) पहुंचे दोनों तेंदुओं की हालत चिंताजनक है। दोनों तेंदुओं ने अभी तक कुछ भी नहीं खाया है। इसका कारण उनका घायल होना बताया जा रहा है। जंगली होने के कारण इनके पास अगर कोई जा रहा है तो दोनों उग्र होकर झपट्टा मार रहे हैं। उन्हें अलग-अलग पिंजरे में रखा गया है।

पशु अस्पताल के चिकित्सक डॉ. ने बताया कि दोनों आदमखोर तेंदुओं को अभी पशु अस्पताल में रखा गया है। यहां इनका उपचार चल रहा है। ठीक होने के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर उन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा या चिड़ियाघर के बाड़े में रखा जाएगा। इन दोनों के साथ अब प्राणि उद्यान के पशु अस्पताल में इलाजरत तेंदुओं की संख्या पांच हो गई है। अस्पताल में पहले से ही दो शावक तेंदुए और एक वयस्क का इलाज चल रहा है। इनके साथ अब चिड़ियाघर में तेंदुओं की संख्या आठ हो गई है। दर्शकों के लिए तीन तेंदुओं को बाड़े में रखा गया है। निदेशक डा. ने बताया कि बिजनौर से आए दोनों तेंदुए वयस्क हैं और गंभीर रूप से घायल हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव के निर्देश पर इन्हें लाया गया है। बिजनौर में तेंदुए के हमले की अलग-अलग घटनाओं में पिछले कुछ महीनों में 13 लोगों की जान जा चुकी है। जनता में व्याप्त दहशत और कृषि कार्य प्रभावित होने से शासन के निर्देश पर वन विभाग द्वारा आदमखोर तेंदुओं को पकड़ने के लिए वृहद स्तर पर रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा है। पिछले 15 दिनों में छह तेंदुए रेस्क्यू कर पकड़े गए हैं। इनमें से दो गोरखपुर चिड़ियाघर लाए गए हैं।