नई दिल्ली । राकापा से बगावत कर अजित पवार ने एक बार फिर महाराष्ट्र में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। जब भी अजित पवार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हैं। उसके बाद मुख्यमंत्री की सत्ता चली जाती है। ऐसा एक बार नहीं 3 बार हो चुका है। अब वह चौथी बार उप मुख्यमंत्री बने हैं। राजनीतिक हलकों में यह कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कार्यकाल कुछ ही दिनों का बाकी रह गया है। एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री पद छोड़ना लगभग तय हो गया है। 
 संविधान में वैसे तो डिप्टी सीएम की कोई पद नहीं है। इसके बाद भी डिप्टी सीएम का पद देकर मुख्यमंत्री अजीत पवार का ओहदा बढ़ाते हैं। अजित पवार अभी तक चार बार उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं। एक बार वह सवा महीने के अंतराल में दो बार डिप्टी सीएम बने थे। उनके कार्यकाल में जो भी मुख्यमंत्री रहा है। वह बदकिस्मत साबित हुआ है। सबसे पहले उन्हें अशोक चाव्हाण ने अपना उपमुख्यमंत्री बनाया था। बाद में अशोक चाव्हाण को खुद मंत्री बनना पड़ा। उसके बाद पृथ्वीराज चव्हाण ने उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया था। आज पृथ्वीराज चव्हाण महाराष्ट्र की राजनीति में कहीं पर भी प्रभावी नहीं हैं। देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया था। उन्हें कुछ ही घंटों में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उद्धव ठाकरे ने भी अजित पवार को अपना उपमुख्यमंत्री बनाया था। उन्हें भी बगावत के कारण मुख्यमंत्री पद खोना पड़ा। अब वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री बने हैं। अजित पवार के उप मुख्यमंत्री बनने के बाद, अब यह कयास लगाए जा रहे हैं, कि जल्द ही एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री पद से उन्हें इस्तीफा देना तय है। इस तरह के संयोग बहुत कम ही होते हैं। अजित पवार के बारे में यह अभी तक यह सत्य साबित होता आ रहा है। जब भी वह उपमुख्यमंत्री बनते हैं उसके बाद मुख्यमंत्री को बीच में ही सत्ता छोड़कर जाना पड़ता है। महाराष्ट्र की राजनीति में अब एक नई उठापटक शुरू हो गई है। भविष्य को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति अभी तक के सबसे अनिश्चित दौर में चली गई है। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र कुछ भी हो सकता है।