इंदौर। बेलेश्वर महादेव मंदिर बावड़ी हादसा हो या सूर्यदेव नगर मंदिर घटना, हर बार प्रशासनिक जांच के नाम पर दोषियों को बचा लिया जाता है। हादसों के बाद उठे जन आक्रोश को शांत करने के नाम पर जांच की घोषणा कर दी जाती है, कमेटी भी गठित होती है। यह दावा भी किया जाता है कि जांच रिपोर्ट 15 दिन में मिल जाएगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी लेकिन होता कुछ नहीं।

जांच के नाम पर कुछ लोगों को नोटिस जारी कर उनकी उपस्थिति का इंतजार किया जाता है, तब तक जन आक्रोश शांत हो चुका होता है और जनता हादसे को भूलने लगती है। स्नेह नगर (पटेल नगर) में हुए बेलेश्वर महादेव मंदिर बावड़ी हादसे में भी यही हुआ। जांच अधिकारी बनाए गए एडीएम अभय बेडेकर पदोन्नत होकर कलेक्टर बनकर आलीराजपुर रवाना हो चुके हैं। हादसे की जांच कहां तक पहुंची और कब तक जारी होगी, यह किसी को नहीं पता।

36 जान गई थी

30 मार्च 2023 को रामनवमी के दिन हुए बेलेश्वर महादेव मंदिर बावड़ी हादसे में 36 लोगों ने जान गवाई थी। ये लोग रामनवमी के अवसर पर मंदिर में आयोजित हवन में आहुति देने के लिए वहां उपस्थित हुए थे। इन्हें पता ही नहीं था कि जिस जगह हवन कुंड बनाया गया है, उसके नीचे दशकों पुरानी बावड़ी है और उसे वर्षों पहले बगैर बावड़ी भरे सिर्फ स्लैब डालकर बंद किया गया है।

हवन के दौरान अचानक बावड़ी के ऊपर डाली स्लैब टूटी और वहां मौजूद लोग 80 फीट गहरी बावड़ी में गिर पड़े। हादसे के बाद कई घंटे बाद बचाव काम शुरू हुआ लेकिन तब तक बावड़ी में गिरे ज्यादातर लोगों की मौत हो चुकी थी। हादसे में अपनों को खोने वालों का दर्द यह है कि जांच के नाम पर बनी कमेटी ने अब तक अपनी रिपोर्ट तक नहीं सौंपी।