सांसद और एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले ने गुरुवार को राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग सत्ता में हैं, वे पुणे हादसे में पुलिस पर दबाव बना सकते हैं। मीडिया से बात करते हुए सुले ने फडणवीस के पुणे दौरे पर सवाल उठाए। सुप्रिया सुले ने कहा 'फडणवीस ने मीडिया को बताया कि पुलिस को राजनीतिक दबाव में नहीं आना चाहिए। मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि कौन पुलिस पर दबाव बना रहा है और कैसे इतने घृणित अपराध के बाद भी किशोर को जमानत मिल गई।'

दो इंजीनियर्स की गई थी जान

पुणे में रविवार तड़के एक तेज रफ्तार पोर्श कार ने बाइक को टक्कर मार दी थी। इस टक्कर के चलते बाइक सवार दो इंजीनियर्स की मौत हो गई थी। पुलिस का कहना है कि कार एक नाबालिग चला रहा था और घटना के वक्त वह नशे में था। आरोपी नाबालिग एक रियल एस्टेट बिल्डर का बेटा है। हादसे के कुछ ही घंटे बाद नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड की तरफ से जमानत दे दी गई, जिस पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों की नाराजगी से सरकार पर दबाव बना और आनन-फानन में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पुणे पहुंचे और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। फिलहाल आरोपी नाबालिग को 5 जून तक किशोर न्याय बोर्ड के ऑब्जर्वेशन होम में रखा गया है और आरोपी के पिता को 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 

सुप्रिया सुले ने उठाए सवाल

सुप्रिया सुले ने दावा किया कि एनसीपी विधायक सुनील टिंगारे ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था। शिवसेना यूबीटी भी इस मामले को उठा चुकी है। सुले ने कहा 'मैं जानना चाहती हूं कि किस तरह से सुनील टिंगारे की मदद से नाबालिग को जमानत मिली। राज्य सरकार असंवेदनशील है और फिर चाहे वो शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले हो, पुणे में ड्रग्स मिलने का या फिर डोंबीवली एमआईडीसी का, सरकार इन मुद्दों को सुलझाने में रुचि नहीं ले रही है।' जब सुप्रिया सुले से पूछा गया कि क्या उन्होंने इस मामले में अजित पवार से बात की है तो सुले ने कहा कि उन्होंने बीते कई दिनों से अजित पवार से बात नहीं की है।