सेंट जोसेफ महिला महाविद्यालय विशाखापत्तनम भारतीय साहित्य और आध्यात्मिकता

प्रेषक..लिंगम चिरंजीव राव
विशाखापत्तनम । सेंट जोसेफ महिला महाविद्यालय में बहुभाषी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का प्रारंभ सोमवार को सुबह 10 बजे कॉलेज के सेमिनार हॉल में भाषाविभाग एवं के हिंदी साहित्य भारती वैश्विक के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय साहित्य एवं अध्यात्म विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री, हिंदी साहित्य भारती के संस्थापक डॉ. रवींद्र शुक्ल मुख्य अतिथि, आंध्र विश्वविद्यालय के तेलुगु विभाग के पूर्व अध्यक्ष आचार्य वेदुला सुब्रह्मण्य शास्त्री और दक्षिण कोरिया से डॉ. कोह जंग किम ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लेकर दीप जलाकर सम्मेलन की शुरूआत की प्रिंसिपल ने अपने स्वागत भाषण में आज के युग में आध्यात्मिकता के महत्व को समझाया और आध्यात्मिक दर्शन को समझाया। सौ से अधिक शिक्षकों, साहित्यिक विद्वानों, शोधकर्ताओं, छात्रों और उत्साही लोगों ने भाग लिया। अतिथियों ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के ग्रंथ का अनावरण किया। डॉ. सुधा व्याख्याता थीं और डॉ. नलिनीदत्ता ने वंदन समर्पण प्रस्तुत किया।सम्मेलन के विषयों पर 20 लोगों ने पेपर प्रस्तुत किये। सेंट जोसेफ कॉलेज फॉर वुमेन में 25-26 सितंबर को बहुभाषी
(संस्कृति,हिंदी, तेलुगू, अंग्रेजी) अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। भारतीय साहित्य एवं अध्यात्म पर भाषा विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बहुभाषी सम्मेलन के समापन समारोह में प्राचार्य डा. सिस्टर षैजी ने कहाकि इस सम्मेलन के समापन समारोह में लगभग 200 साहित्यकारों, छात्रों, शोध छात्रों और भाषा मनीषियों ने भाग लिया और अपने प्रपत्र वाचन करते हुए अपने विचारों से सभी को लाभान्वित किया । मुख्य अतिथि के रूप में आंध्र प्रदेश क्षेत्रीय उच्च शिक्षा के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशक डॉ. वी. शोभारानी ने सेंट जोसेफ कॉलेज के प्रबंधन को बधाई दी। संयोजिका डॉ. जयलक्ष्मी ने एक बहुत ही नेक और सबके लिए अपरिहार्य विषय चुनकर एक उत्कृष्ट सम्मेलन का आयोजन किया। डा. सिस्टर षैजी की प्रशंसा की गई। विशिष्ट अतिथि थे डॉ. डी.वी. सूर्याराव और अफ्रीका से आईं सिस्टर मेरी अंजले ने अपने भाषण में विद्यार्थियों को बचपन से ही अध्यात्म की आदत डालने को कहा। गीतम कॉलेज के आचार्य चिन्नया सूरी ने बौद्ध धर्म में अपनाए जाने वाले सिद्धांतों के बारे में बताया। सम्मेलन के विषयों पर 40 लोगों ने पेपर प्रस्तुत किये। संयोजक डॉ. पी.के. जयलक्ष्मी ने सम्मेलन रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके बाद मुख्य अतिथि ने प्रमाण पत्र प्रदान किये। डॉ. जयलक्ष्मी द्वारा लिखित वृद्ध विमर्श पुस्तक का अनावरण किया गया। सम्मेलन में में भाग लेने वाले छात्रों और प्रोफेसरों ने सम्मेलन के आयोजन पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की। डॉ. जयलक्ष्मी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुति किया। डॉ. निर्मला, डॉ. डी के राव, डॉ. दीप्ति, प्रमिला, वीणा, गौरी नायडू ने भाग लिया।
साभार डॉ. पी.के.जयलक्ष्मी.
प्रेषक..लिंगम चिरंजीव राव