लखनऊ | उत्तर प्रदेश में स्पा और मसाज सेंटरों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। इन सेंटरों पर मसाज तेल व अन्य आयुर्वेदिक दवाएं रखने के लिए आयुर्वेद विभाग में पंजीयन कराना होगा। सेंटर पर कार्य करने वाले फिजियोथेरेपिस्ट, पंचकर्म विशेषज्ञ व अन्य के बारे में भी जानकारी देनी होगी। इसके लिए नए सिरे से गाइडलाइन तैयार की जा रही है।प्रदेश में बड़ी संख्या में स्पा व मसाज सेंटर चल रहे हैं। कई जगहों पर इसकी आड़ में यौन शोषण और तस्करी की घटनाएं भी सामने आई हैं। इतना ही नहीं मनमानी तरीके से आयुर्वेदिक एवं यूनानी तेलों का प्रयोग करने से उसके दुष्प्रभाव की आशंका रहती है। ऐसे में दिल्ली की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी नई नियमावली तैयार की जा रही है।अब मेडिकल स्पा सेंटर का संचालन करने के लिए अलग से पंजीयन कराना होगा। इसमें काम करने वाले आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट, एक्यूप्रेशर या ऑक्यूपेशनल थेरेपी देने वाले कर्मचारी को अपनी डिग्री व डिप्लोमा का प्रमाण पत्र भी दिखाना होगा। उसी आधार पर उनका पंजीयन किया जाएगा।