पटना। हर हाथ में पूजा की थाली, बेलपत्र, धतूरा, गंगाजल, फूल-माला, चंदन रोली। हर तरफ हर महादेव, ओम नम: शिवाय का जयकारा। सावन की पहली सोमवारी को राजधानी पटना समेत प्रदेश भर के तमाम शिवमंदिरों में यही दृश्य था।

शिव मंदिर बोल बम के जयकारों से गुंजायमान रहे। भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की। महिला-पुरुष, युवक-युवतियों, बच्चों और बुजुर्गों ने भी सोमवारी का व्रत रख कर सुख-समृद्धि की कामना की। महादेव से मनोकामना पूरी करने को लेकर श्रद्धालुओं ने शिव के प्रिय नंदी के कान में अपनी बात भी कही। बोरिंग रोड स्थित शिव मंदिर में जलाभिषेक के बाद एक महिला श्रद्धालु ने नंदी के कान में कुछ कहा।

पटना शहर: कंगन घाट पर गंगा की धारा में शिवलिंग का रुद्राभिषेक

प्रथम सोमवारी पर जहां शिवालयों में जल अर्पण करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं, पटना सिटी के ऐतिहासिक कंगन घाट पर भोले नाथ का अनोखा रुद्राभिषेक किया गया। गंगा सेवा दल समन्वय समिति के तत्वावधान में बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग को कंगन घाट में पूरे सावन मास के लिए प्रथम सोमवार को स्थापित किया गया।

स्थापना समिति के अध्यक्ष डा. राजीव गंगौल, महासचिव पंडित राजेश शुक्ला टिल्लू तथा सुजीत कसेरा की देखरेख में दर्जनों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने गंगा की धार के बीच पंचामृत, गंगाजल, दूध व फल से महादेव का रुद्राभिषेक किया। पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा कराई गई।

आयोजन का मकसद गंगा स्वच्छता और पवित्रता को अक्षुण्ण बनाने का संदेश देना था। रुद्राभिषेक करने वालों में जदयू नेता अरविन्द सिंह उर्फ छोटू सिंह, नन्द किशोर कुशवाहा, विजय यादव, चार्टेड एकांटेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय झा सपत्नीक शामिल थे। गंगा की धार के बीच रुद्राभिषेक को घाट किनारे पहुंचे लोगों ने कैमरे में कैद किया।

बांका: पांव में पड़ने लगे छाले, पट्टी बंधवाने शिवभक्तों की भीड़

बारिश के बाद निकली तेज धूप और प्रचंड गर्मी ने कांवरिया पथ पर शिवभक्तों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी। पांव में पड़ रहे छालों से शिवभक्त काफी परेशान हुए। मानों शिवभक्तों के पांव में लगभग विराम सा लग गया हो। सुबह 10 बजे बाद से उनके पांव विश्राम स्थलों को ढूंढने लगे।

बदुआ नदी को पार करते ही शिवभक्त धौरी से ही पट्टी बंधवाने के मूड में आ गए। टेबलवालों के पास बैठकर पहले मोलभाव करते हैं। फिर पट्टी बंधवाकर बाबाधाम की यात्रा पर निकल जाते हैं। पट्टी बांधने के लिए पथ पर बड़ी संख्या में प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित युवा एवं झोलाछाप चिकित्सक बैठते हैं। पट्टी बांधनेवालों में कुछ परदेसी कामगार और छात्र भी शामिल रहते हैं।

दो पैर की पट्टी बांधने के लिए अधिकतम ढाई सौ रुपया तक लिया जा रहा था। पट्टी बांधने का रोजगार शिवलोक के बाद अधिक देखने को मिला, क्योंकि यहां से तीन किलोमीटर के बाद जंगली पहाड़ी रास्ता शुरू हो जाता है। जिलेबिया और सुईया पहाड़ का रास्ता दुर्गम है। कुछ शिवभक्त पट्टी साथ लेकर निकले थे। पट्टी बांधने वाले कुछ दुकानदारों ने बताया कि तेज धूप होने के बाद रोजगार बढ़ता है। धूप वाले दिन आधा दर्जन पट्टियां बांध लेते हैं। प्रतिदिन लगभग पांच सौ रुपये की कमाई हो जाती है।

रात 10 बजे तक महावीर मंदिर में हुआ रुद्राभिषेक

पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक व रुद्राभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न किया। महावीर मंदिर परिसर में मौजूद तीनों शिवलिंग पर सुबह से लेकर देर रात तक श्रद्धालुओं द्वारा रुद्राभिषेक किया गया। सुबह पांच बजे से 11 बजे तक हनुमानजी के निकट स्थित शिवलिंग पर भक्तों ने कतारबद्ध होकर जलाभिषेक किया। मंदिर के प्रथम तल पर सुबह पांच बजे से रात 10 बजे तक लोगों ने रुद्राभिषेक किया। हर-हर महादेव के जयकारों से शिवालय गुंजायमान रहे।

भागलपुर: मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने को लेकर शिवलिंग पर जलार्पण

भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा सावन की पहली सोमवारी को बरारी सीढ़ी घाट से जल भरकर सैकड़ों कांवड़ियों के साथ भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष साह एवं कार्यक्रम सयोजक मंजीत सिंह कुशवाहा ने जिछो दुर्गा मंदिर स्थिति भव्य शिव मंदिर में जलाभिषेक के साथ पूजा-अर्चना की और साल 2024 में नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प लिया।

जिला अध्यक्ष संतोष साह ने पूजा-अर्चना करने के बाद कहा कि भगवान शिव के प्रति मोदी का अगाध प्रेम किसी से छुपा नहीं है। 2024 में पुनः प्रधानमंत्री बनाने के संकल्प से महादेव प्रसन्न होते हैं तो ऐसे ही भव्य स्वरूपों का निर्माण होता है। 

कार्यक्रम संयोजक मंजीत सिंह कुशवाहा ने कहा कि देश को एक मजबूत सरकार की सख्त जरूरत है। मजबूत सरकार का मतलब मजबूत नेता होता है, इसलिए नरेंद्र मोदी जैसे नेता की जरूरत 2024 में है। कार्यक्रम संरक्षक सह भाजपा नेता दीपक सिंह ने कहा कि पीएम मोदी में लोगों का विश्वास हमारी सबसे बड़ी ताकत है और हमारा दृढ़ विश्वास है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 400 से ज्यादा सीटें मिलेंगी।

पटना में 54 फीट लंबे कांवड़ के साथ निकली शोभायात्रा

किला रोड देवी स्थान से सोमवार को श्री श्री विशाल शिवधारी कांवड़ संघ मारूफगंज की ओर से 54 फीट लंबे कांवड़ के साथ शोभायात्रा निकाली गई।

कांवड़ शोभायात्रा अशोक राजपथ होते मारूफगंज बड़ी देवी, दलहट्टा व नंदगोला बड़ी देवी के साथ चरखी पर स्थित नागा बाबा मंदिर होते मालसलामी, पूरब दरवाजा, हाजीगंज, झाउगंज, चौक, पश्चिम दरवाजा, बेलवरगंज होते हुए गायघाट स्थित गौरीशंकर मंदिर से होते अगमकुआं स्थित शीतला माता मंदिर पहुंची।

यहां पूजा-अर्चना व अभिषेक किया गया। मंगलवार की सुबह भक्त सुलतानगंज जाएंगे और वहां से जल लेकर बैद्यनाथ धाम में जलाभिषेक करेंगे। यात्रा में संस्था के अध्यक्ष सह संयोजक विनोद बाबा, सोनू जायसवाल, भूषण जायसवाल, मंटू जायसवाल, संजय कुमार, कल्ला कुमार, विनय कुमार बिट्टू समेत अन्य थे।

मोतिहारी: रुद्राक्ष निर्मित शिव आकृति पर जलाभिषेक को उमड़ी भीड़

शहर के राधा नगर के मनोकामना सिद्ध हनुमान आश्रम परिसर में पांच लाख रुद्राक्ष से निर्मित 20 फुट ऊंचे शिव आकृति के गोल्ड प्लेटेड शिवलिंग पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने प्रथम सोमवारी को लेकर जलाभिषेक किया। आश्रम के आचार्य डा. शंभूनाथ सीकरीया ने बताया कि पांच लाख रुद्राक्ष के शिवलिंग पर जल चढ़ाने से चार लखराव के बराबर फल मिलता है। आचार्य ने बताया कि सोमवारी को लेकर प्रात:काल से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। दोपहर तक भक्तों की भीड़ रही। आचार्य ने बताया कि सावन के प्रत्येक सोमवार को प्रातः आठ बजे से नि:शुल्क रुद्राभिषेक कराया जाएगा। जो भी श्रद्धालु रुद्राभिषेक करना चाहते हैं, वे सोमवार को प्रात: आठ बजे तक मंदिर परिसर पहुंचकर रुद्राभिषेक में शामिल हो सकते हैं।

सोनपुर में वाराणसी और हरिद्वार की गंगा आरती जैसा मनोरम दृश्य

सावन की प्रथम सोमवारी की संध्या शंख ध्वनि के बीच प्रकृति की गोद में प्रकृति की पूजा का अनुपम दृश्य उभरा। अवसर था सोनपुर के काली घाट पर आयोजित नारायणी महाआरती का। इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भागीदारी रही। पंडितों के साथ इस अनुष्ठान को बाबा हरिहरनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक आचार्य सुशील चंद्र शास्त्री ने संपन्न कराया। पूजा-अर्चना के दौरान वाराणसी और हरिद्वार के गंगा आरती जैसा मनोरम नजारा उत्पन्न हो गया था। वैदिक श्लोक और भक्तों के जयकारों के बीच संपन्न हो रहे इस अनुष्ठान की गूंज काफी दूर से ही लोगों को सुनाई पड़ रही थी।

सावन की प्रत्येक सोमवारी की संध्या महाआरती का आयोजन सोनपुर में होता रहेगा। दूसरी ओर बाबा हरिहरनाथ मंदिर में बाबा का विशेष श्रृंगार एवं महाआरती का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भी भक्तों की भीड़ बनी रही। बाबा हरि और हर इस दौरान विशेष श्रृंगार किया गया। संध्या बेला में मंदिर की शोभा देखते ही बन रही थी। एक तरफ मंदिर के आसपास लगे मेला देखने वालों की भीड़ तो दूसरी ओर मंदिर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ लगी हुई थी।