शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को बताया सियासत का कच्चा खिलाड़ी
मुंबई। एनसीपी प्रमुख रहे शरद पवार ने खुलासा किया है कि उद्धव ठाकरे सियासत के कच्चे खिलाड़ी हैं, उन्होंने पार्टी में हो रही बगावत को रोकने के लिए कोई काम नहीं किया। गौरतलब है कि शरद पवार ने बीते दिन अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से ही महाराष्ट्र की सियासत पर देशभर की निगाहें लगातार बनी हुई हैं। दरअसल अपनी किताब के विमोचन कार्यक्रम में पवार ने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को बुलाया था। इसी बीच उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा कर दी। पवार ने अपनी किताब में उद्धव ठाकरे को सियासत का कच्चा खिलाड़ी करार दिया है। पवार ने कहा कि उद्धव पार्टी में बगावत को शांत नहीं कर पाए। जिसके चलते पार्टी का यह हाल हो गया और कुनबा बिखर गया। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के गठन के बाद पहली बार पवार ने उद्धव ठाकरे को लेकर चुप्पी तोड़ी है।
हालांकि शरद पवार के उद्धव ठाकरे को लेकर किताब में कही गई बात से एमवीए को करारा झटका लग सकता है। दरअसल महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार की बात को कतई हल्के में नहीं लिया जा सकता है। शरद पवार जल्दी किसी बात को बिना परखे नहीं कहते हैं। शरद पवार के उद्धव को लेकर किए खुलासे के बाद माना जा रहा है कि कहीं न कहीं महाविकास अघाड़ी का कुनबा टूट सकता है। क्योंकि वे पवार ही थे। जिनकी सूझबूझ से महाराष्ट्र में एक नई इबारत गढ़ते हुए बीजेपी को मात देने का काम किया गया था। शरद पवार ही महाविकास अघाड़ी को बनाने में सूत्रधार माने जाते हैं।
शरद पवार ने बिना किसी संकोच के अपने भतीजे अजित पवार को लेकर भी किताब में लिखा है। बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम के रूप में सुबह-सुबह शपथ ग्रहण मामले को पवार ने बेनकाब किया। उन्होंने कहा कि वह वाकये से पूरी तरह से अनजान थे। उन्होंने कभी भी अनैतिक कदम का समर्थन नहीं किया। दरअसल महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक महीने इस बात को लेकर दावा किया था। जिसमें कहा गया था कि एनसीपी नेतृत्व पूरी तरह से तैयार था और यह काम शरद पवार की जानकारी में किया गया था।
शरद पवार ने अपनी किताब में खुद के नाम को इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया है। पवार के मुताबिक उनको पता चला कि अजीत ने एक पत्र में लगभग 40 विधायकों की एक सूची सौंपी थी। जिसमें कहा गया था कि उन्हें एनसीपी विधायक दल का समर्थन प्राप्त है। पवार ने कहा, एनसीपी विधायकों के एक वर्ग को गुमराह करने के लिए मेरे नाम का दुरुपयोग किया गया। जब मैंने व्यक्तिगत रूप से इस बारे में जानकारी हासिल करनी चाही तो हर कोई एनसीपी और मेरे साथ खड़ा दिखाई दिया।