नई ‎दिल्ली। अब घर का सपना देख रहे लोगों को बैंक से लोन महंगा पड सकता है। देश के प्रमुख बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर रेट में 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जिससे लोन लेने वाले उपभोक्ताओं पर ईएमआई का बोझ बढ़ सकता है। यानी कि अब लोन पर ज्यादा ईएमआई चुकाना होगा। वहीं स्टेट बैंक की वेबसाइट के मुताबिक एमसीएलआर की नई दर 15 जून से लागू हो गई है। इस बदलाव के साथ ही एक साल का एमसीएलआर रेट बढ़कर 8.75 फीसदी हो गया है, जो पहले 8.65 फीसदी था। दर में बदलाव के बाद ओवरनाइट एमसीएलआर अब 8.00 फीसदी से बढ़कर 8.10 फीसदी हो गया है, जबकि एक महीने और तीन महीने का एमसीएलआर 8.20 फीसदी से बढ़कर 8.30 फीसदी हो गया है। छह महीने का एमसीएलआर अब 8.55 फीसदी से बढ़कर 8.65 फीसदी हो चुका है। इसके अलावा दो साल का एमसीएलआर 8.75 फीसदी से बढ़कर 8.85 फीसदी हो गया है और तीन साल का एमसीएलआर अब 8.85 फीसदी से बढ़कर 8.95 फीसदी हो गया है। यानी कि अब आपको हर महीने पहले से ज्‍यादा लोन पर ईएमआई चुकाना होगा। बता दें ‎कि होम और ऑटो लोन समेत ज्‍यादातर रिटेल लोन एक साल की एमसीएलआर दर से जुड़े हैं। एमसीएलआर में बढ़ोतरी से आरबीआई रेपो रेट या ट्रेजरी बिल यील्‍ड जैसे बाहरी बेंचमार्क से जुड़े कर्ज लेने वाले कस्‍टमर्स पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है। अक्‍टूबर 2019 से एसबीआई समेत बैंकों को नए लोन को इन बाहरी बेंचमार्क से जोड़ना आवश्‍यक हो गया है।