बिहार के बड़े अस्पतालों में से एक रूबन और इसके एमडी डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह पर बड़ी कार्रवाई हुई है। मरीज की जिंदगी से खिलवाड़ करने के आरोप में उपभोक्ता न्यायालय ने चालीस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इतना ही नहीं तय सीमा पर अगर मरीज को 40 लाख की रकम नहीं दी गई तो 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा। जिला उपभोक्ता न्यायालय के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्रा और सदस्य रजनीश कुमार ने यह आदेश दिया। दरअसल, गोपालगंज निवासी रमेश कुमार यादव ने रूबन हॉस्पिटल और इसके एमडी सत्यजीत कुमार सिंह पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर उपभोक्ता न्यायालय में केस दर्ज करवाया था। 

दोनों किडनी में पथरी पाई गई थी

रमेश कुमार यादव का आरोप था कि 2012 में उनकी नौकरी दुबई में लगी थी। फिटेनस टेस्ट पास करने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य जांच करवाया। इसमें उनके दोनों किडनी में पथरी पाई गई। रमेश यादव गांधी मैदान स्थिन रूबन मेमोरियल रतन स्टोन क्लिनिक में जाकर किडनी के स्टोन की जांच करवाई। डॉक्टर सत्यजीत कुमार सिंह की सलाह पर उन्होंने एक से चार फरवरी 2012 तक वह अस्पताल में भर्ती रहे और एक लाख रुपये का भुगतान किया। 

किडनी में दो पाइप रह गए थे

रमेश कुमार यादव ने बताया कि चार दिन भर्ती रहने के लिए दौरान डॉ. सत्यजीत ने दोनों स्टोन को ऑपरेशन कर निकालने की बात भी की। लेकिन, ऑपरेशन के बाद भी परेशानी कम नहीं हुई। जांच करवाने पर पता चला कि किडनी में दो पाइप रह गए थे। इसे लिए के लिए एक साल बाद यानी 17 फरवरी 2013 को 20 हजार रुपये की फीस ली गई। ऑपरेशन कर पाइप निकालने का दावा भी किया गया। लेकिन, फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ। दुबारा जांच में पता चला कि एक पाइप छूटा हुआ ही है। इसके निकालने के लिए फिर से 70 हजार रुपये वसूले गए। बीमारी ठीक नहीं होने के कारण वह दुबई नहीं जा सके। 

आदेश की जानकारी मुझे नहीं

इसके बाद रमेश कुमार यादव ने उपभोक्ता न्यायलय का दरवाजा खटखटाया। सिविल सर्जन के नेतृत्व में जांच टीम का गठन हुआ। बोर्ड ने इलाज में लापरवाही पाई। इसमें बाद दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने जुर्माना लगाया। वहीं इस मामले में डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह ने बताया कि अब तक इस शिकायत या उपभोक्ता न्यायालय के किसी तरह के आदेश की जानकारी मुझे नहीं है। अगर आदेश की कॉपी मिलेगी तो अपने वकील से इस मामले में बात करूंगा।