नई दिल्ली । कनाडा के गंभीर आरोप के बाद बुधवार को दिल्ली में ताबड़तोड़ मुलाकातों का दौर जारी हैं। इस बीच, सुबह विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच संसद भवन में बातचीत हुई है। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि दोनों के बीच कनाडा से बढ़े तनाव पर बातचीत हुई है। मामले में भारत सरकार का अगला कदम क्या होगा, इस पर भी चर्चा हुई है। दरअसल, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने अपनी संसद में खुलेआम आरोप लगाया है कि वहां खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट्स का हाथ है। भारत ने इस पर नाराजगी जताकर कड़ी प्रतिक्रिया देकर जैसे को तैसा वाला ऐक्शन लेकर कनाडा के भी एक राजनयिक को देश से बाहर कर दिया। बुधवार को दूसरी बड़ी बैठक गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच हुई है। खास बात यह है कि इसमें भी खालिस्तानी घटना पर ही बात हुई। 
कनाडा ने अपने लोगों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। वहां सिखों की अच्छी खासी तादाद हैं। वे करीब 9 लाख की संख्या में हैं। पंजाब के लोग वहां नौकरी करने जाते हैं। कनाडा की सरकार में भी सिखों का अच्छा-खासा प्रभाव है लेकिन हाल के समय में खालिस्तानी तत्वों की सक्रियता काफी बढ़ी है। चिंता की बात है कि भारत सरकार के लगातार आग्रह के बावजूद कनाडा सरकार खालिस्तानियों को संरक्षण दे रही है और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर आंखें मूंदें बैठी है।
बुधवार संसद परिसर में शाह के ऑफिस में एनएसए डोभाल के पहुंचने से कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। टीवी रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों पर दोनों के बीच बातचीत हुई है। हाल में कश्मीर के अनंतनाग में हुए एनकाउंटर में खालिस्तानी कनेक्शन पता चला है। एनआईए जांच कर रही है। इसके बाद गृह मंत्री के ऑफिस में आज इसी मुद्दे पर बात हो सकती है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कश्मीर के मुद्दे पर काफी सक्रिय रहते हैं। इसके बाद सरकार की तरफ से किसी बड़े फैसले पर भी बात हो सकती है। दोनों मुलाकातें इसलिए भी अहम हो जाती हैं, क्योंकि कनाडा भी दूसरा पाकिस्तान बनता दिख रहा है।