इस्लामाबाद । पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय ने सिफर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल सुनवाई के खिलाफ स्टे ऑर्डर जारी किया है। यह फैसला पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने देश के पूर्व पीएम इमरान खान और उनके करीबी सहयोगी तथा पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के खिलाफ कथित तौर पर गुप्त जानकारी लीक करने और देश के कानूनों का उल्लंघन करने के मामले में जेल में मुकदमा चलाने को मंजूरी देने के बाद आया है। 
मामले में 71 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष वर्तमान में न्यायिक रिमांड पर रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। खान के करीबी सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री 67 वर्षीय कुरैशी भी इमरान के साथ सिफर मामले में गिरफ्तार किया गया था। दोनों उसी जेल में अभी कैद हैं। खान और कुरैशी ने मामले में लगे आरोपों पर खुद को निर्दोष बताया है।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) की दो सदस्यीय पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब और न्यायमूर्ति समन रफत इम्तियाज शामिल थे। इन्होंने अदियाला जेल में अपने मुकदमे के खिलाफ खान की इंट्रा-कोर्ट अपील की सुनवाई के दौरान फैसला सुनाया। यह अपील उसी अदालत की एकल सदस्यीय पीठ के खिलाफ दायर की गई थी जिसने पिछले महीने अदियाला जेल में खान के मुकदमे को बरकरार रखा था।