नई दिल्ली । नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने दिवालिया हो रही गोफर्स्ट को समाधान प्रक्रिया को पूरा करने 60 दिन का समय और दे ‎दिया है। यह लगभग तीसरी बार है जब एनसीएलटी ने विस्तार किया है। अब गोफर्स्ट को समाधान प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 3 जून तक का समय है। दिल्ली स्थित एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ ने गोफर्स्ट के समाधान पेशेवर के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। इसमें कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) को पूरा करने के लिए समयसीमा बढ़ाने की मांग की गई थी। 13 फरवरी को एनसीएलटी ने सीआईआरपी को पूरा करने की समय सीमा 4 अप्रैल तक बढ़ा दी। यह पिछले साल 23 नवंबर को ट्रिब्यूनल द्वारा 90 दिनों का विस्तार दिए जाने के बाद था, जो 4 फरवरी को समाप्त हो गया। दिवाला और दिवालियापन संहिता 330 दिनों के भीतर सीआईआरपी को पूरा करने का आदेश देती है, जिसमें मुकदमेबाजी के दौरान लगने वाला समय भी शामिल है। संहिता की धारा 12(1) के अनुसार, सीआईआरपी 180 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। हालाँकि किसी भी विस्तार या मुकदमेबाजी अवधि सहित, सीआईआरपी को अनिवार्य रूप से पूरा करने की अधिकतम समय सीमा 330 दिन है, जिसमें विफल रहने पर कॉर्पोरेट देनदार को परिसमापन के लिए भेजा जाता है। 10 मई, 2023 को एनसीएलटी ने स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू करने के लिए गोफर्स्ट की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसने 3 मई को उड़ानों का संचालन बंद कर दिया था। पिछले साल 3 मई 2023 से गोफर्स्ट की सभी फ्लाइट बंद हैं। एयरलाइन वित्तीय संकट का सामना कर रही थी, जिसकी वजह से उसकी सभी उड़ानों का परिचालन बंद हुआ था। एनसीएलटी ने मई 2023 से ही एयरलाइन के लिए दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू कर दी थी। बता दें कि कारोबारी साल 2021-22 में एयरलाइन का राजस्व 4,183 करोड़ रुपये था।