नए साल 2024 में 22 जनवरी का दिन बेहद शुभ है. 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और मृगशिरा नक्षत्र है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि 22 जनवरी दिन सोमवार को हरि अर्थात् विष्णु मुहूर्त है, जो 41वर्ष बाद आया है. इसी कारण अयोध्या जी में श्री रामलाल जी की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. इस मुहूर्त का पूर्ण लाभ सभी भारतवासियों को प्राप्त करना चाहिए. मुहूर्त चिन्तामणि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस मुहूर्त का विशेष लाभ विद्यार्थियों, व्यापारियों और गर्भवती स्त्रियों को प्राप्त होगा. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन आप दो आसान उपायों को करके अपनी धन-संपत्ति में वृद्धि और कार्यों में सफलता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन करें ये 2 उपाय
1. बृहस्पति वैदिक मंत्र जाप से पाएं धन और सफलता
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को आप सुबह 06:22 बजे से शाम 05:17 बजे के बीच देव गुरु बृहस्पति के वैदिक मंत्र का जाप करें. यदि स्वयं नहीं कर सकते हैं तो किसी योग्य पंडित से जाप कराएं. बृहस्पति के वैदिक मंत्र का जाप 64 हजार बार करना है.

बृहस्पति का वैदिक मंत्र: ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु। यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्.

2. लक्ष्मी-विष्णु का धनाकर्षण पाठ
उस दिन का दूसरा उपाय है लक्ष्मी-विष्णु का धनाकर्षण पाठ. यदि आप 22 जनवरी को लक्ष्मी-विष्णु का धनाकर्षण पाठ कम से कम 108 बार करते हैं या करा देते हैं तो कार्यों में सफलता प्राप्त होगी और धन लाभ भी होगा. यह उपाय भी आपको सुबह 06:22 बजे से शाम 05:17 बजे के बीच करना चाहिए.

श्रीसूक्त एवं पुरुष-सूक्त के साथ कनक धारा स्तोत्र का 108 पाठ को शुक्ल यजुर्वेद में धनाकर्षण हेतु उद्धृत किया गया है. एक समय और एक आसन पर इस पाठ को श्रद्धापूर्वक करने से एक पक्ष से एक माह के अंदर निश्चित संतोषजनक धनागम होता है. साथ में यदि महालक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप भी कर दें तो और उत्तम होता है.

महालक्ष्मी बीज मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मैय नम:

22 जनवरी 2024 को सुबह से बनेगा सर्वार्थ सिद्धि योग
अयोध्या जी के भव्य मंदिर में जिस दिन प्रभु राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग सुबह 07:14 एएम से बन जाएंगे. ये दोनों ही योग अगले दिन प्रात: 04:58 एएम तक हैं.

वहीं मृगशिरा नक्षत्र सुबह से अगले दिन 04:58 एएम तक है. मॄगशिरा नक्षत्र के स्वामी ग्रह मंगल हैं. उस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि होगी. द्वादशी तिथि में 23 जनवरी को रवि योग 04:58 एएम से 07:13 एएम तक है.

सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व
सर्वार्थ सिद्धि योग तब बनता है, जब सोमवार के दिन पुष्य, मृगशिरा, रोहिणी, श्रवण या अनुराधा नक्षत्र में से कोई भी एक हो. सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं. इसमें नया बिजेनस, शिक्षा प्रारंभ करना, नई नौकरी शुरू करना, भवन निर्माण कार्य आदि किए जाते हैं. ऐसे ही अमृत सिद्धि योग भी नए कार्य, बिजनेस कार्य, नए समझौते, नया बिजनेस, विदेश यात्रा आदि शुरू करने के लिए शुभ है.