तेल अवीव। अजरबैजान की राजधानी बाकू में अलीयेव के कार्यालय ने उनके और उनके इजरायली समकक्ष के बीच बैठक के संबंध में एक बयान जारी किया। इस बयान में बताया गया है कि दोनों राष्ट्रपतियों ने अजरबैजान और इजरायल के बीच सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों, वाणिज्यिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और मानवीय संबंधों पर चर्चा की। एक तरफ मुस्लिम देशों के दवाब को दरकिनार कर अजरबैजान इजरायल को तेल बेच रहा है तो साथ ही उससे हथियार भी खरीद रहा है। मुस्लिम बाहुल्य अजरबैजान की रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि गाजा युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद राष्ट्रपति अलीयेव ने इजरायल के साथ संबंधों को बढ़ावा देने की अपनी नीति जारी रखी है। म्यूनिख में सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने वाले इजरायली अधिकारियों और यहूदी नेताओं ने दुनिया में यहूदी विरोधी भावना की स्थिति पर डायस्पोरा मंत्रालय की नवीनतम रिपोर्ट के बारे में चिंता व्यक्त की। इसमें यहूदी विरोधी भावना में बहुत चिंताजनक वृद्धि का संकेत दिया गया है। इसमें आर्मेनिया में भी यहूदी विरोधी भावनाओं के बढ़ने की बात कही गई है। 
डायस्पोरा मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्मेनिया में यहूदी विरोधी चर्चा काफी हद तक इजरायल और अजरबैजान के बीच संबंधों और इजरायल के रक्षा निर्यात से प्रभावित है। ये संबंध आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख युद्ध की वजह से अर्मेनियाई समाज में गुस्सा पैदा करते हैं। रिपोर्ट कहती है कि अर्मेनियाई लोगों ने विशेष रूप से इजरायल पर ध्यान केंद्रित करना चुना है। यह दर्शाता है कि आर्मेनिया में यहूदी विरोधी रवैया बहुत गहरा है और बाहरी घटनाओं से प्रभावित होता है। बता दें कि अजरबैजान ने 16-18 फरवरी को म्यूनिख में सुरक्षा सम्मेलन के दौरान जनवरी 2024 के लिए अपना तेल निर्यात डेटा प्रकाशित किया। डेटा से पता चलता है कि उससे तेल निर्यात करने वाले देशों की तालिका में इजरायल पहले स्थान पर है। अरजैबान का डाटा दिखाता है कि उसने इजरायल को 523.5 हजार टन का निर्यात किया। ये करीब 297 मिलियन डॉलर का रहा। यह आंकड़ा अजरबैजान से तेल आयात करने वाले थाईलैंड, इटली और दूसरे देशों की तुलना में काफी अधिक है। म्यूनिख में ही इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने अजरबैजान के प्रेसीडेंट राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव से मुलाकात भी की।