प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जनजातियों से वर्चुअल संवाद करेंगे। इससे लखीमपुर खीरी के थारू जनजाति के लोगों को विकास की उम्मीद जगी है। पीएम के संवाद से जनपद के 41 गांवों में निवास करने वाली 60 हजार से ज्यादा थारू आबादी को उम्मीदों के पंख लग गए हैं। पलिया के चंदनचौकी में इसको लेकर कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है। खीरी के थारू समुदाय से भी पीएम संवाद कर सकते हैं, जिसको लेकर तैयारियां पूरी हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनजातियों के साथ दोपहर तीन बजे से 4.30 बजे तक वर्चुअल संवाद करेंगे।

यूं तो इस संवाद में सिर्फ प्रधानमंत्री को बोलना और सभी को सुनना है, लेकिन लिंक में एक विकल्प ऐसा भी है, जिससे प्रधानमंत्री किसी से बात भी कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मुख्य रूप से आदिवासियों में होने वाली बीमारी सिकल सेल एनीमिया के बारे में बात करेंगे।कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी भी चंदन चौकी में थारुओं के बीच मौजूद रहेंगे। टेनी चंदनचौकी में सीएचसी का उद्घाटन और आठ प्रसव केंद्रों का वर्चुअल लोकार्पण भी करेंगे।

इसके साथ ही बजाही गांव में इंटरलॉकिंग रोड और सोलर स्ट्रीट लाइट का लोकार्पण करेंगे। चंदनचौकी में थारूओं को बीमारी के प्रति जागरूक करेंगे।लखीमपुर खीरी जिले के दो ब्लाकों में थारू जनजाति के लोग बसे हैं। इनमें 24 गांव पलिया ब्लॉक में और दो गांव निघासन ब्लॉक में हैं। इन ग्राम पंचायतों में कुल 41 मजरे हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, जिले में थारू आबादी करीब 53716 थी, जो अब बढ़कर अब 60000 से ज्यादा है। इन सभी गांवों में एकीकृत जनजाति विकास योजना के तहत विकास योजनाएं चलाकर थारू समाज को समाज की मुख्य धारा में लाने की कोशिश की जा रही है।