गोरखपुर । अब ट्रेन की बोगियों में य‎दि धुआं ‎उठा तो ‎बिना बटन दबाए ही पानी की बौछारें शुरु हो जाएंगी। इस समय देश की ट्रेनों में बो‎गियों को हाईटेक बनाने का काम शुरू हो गया है। रेल यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान दिया जा रहा है, ताकि यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत ना हो और उनको पूरी तरह सुरक्षित रखा जाए। अब रेलवे द्वारा कोचों में लगे फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिप्रेशन सिस्टम को चालू करने के लिए बटन नहीं दबाना होगा। इसे अब और भी हाईटेक तरीके से कोचों में लगाया जाएगा। ताकि धुआं उठते ही यह खुद-ब-खुद पानी की बौछार करने लगे और किसी भी बड़ी दुर्घटना को रोका जा सके। बीते दिनों ट्रेन में कई बड़े हादसे देखे गए जहां आग लगने की वजह से कई लोगों की जान चली गई और बड़ा नुकसान हुआ। इसके लिए ट्रेनों में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिप्रेशन सिस्टम लगा हुआ है। लेकिन पहले इसे बटन दबाकर चालू करना पड़ता है। लेकिन अब ऑटोमेटिक फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिप्रेशन सिस्टम लगाए जाएंगे। 
जिन ट्रेनों या कोचों में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिप्रेशन सिस्टम लगे हुए हैं, उन्हें अब ऑटोमेटिक सिस्टम में बदल जाएगा। ताकि ट्रेनों में धुआं उठता देख यह ऑटोमेटिक सिस्टम खुद पानी की बौछार करने लगे। इसके ‎लिए गोरखपुर यांत्रिक कारखाने में करीब 23 पैंट्रीकार व पावरकार में लगे सिस्टम भी मॉडिफाई किए जाएंगे। जिसके लिए रेलवे बोर्ड ने निर्देश भी दे दिए हैं। वहीं पावरकार, पैंट्रीकार और लिंकहाफमैन बुश एलएचबी कोचों में भी ऑटोमेटिक पावर एंड स्मोक डिटेक्शन सिप्रेशन सिस्टम लगाए जा रहे हैं। ऑटोमेटिक फायर डिटेक्शन एंड सिप्रेशन सिस्टम के तहत सेंसर व प्रेशर युक्त अग्निशमन यंत्र के साथ दो सिलेंडर और पाइप लगाए जाते हैं। एक में पानी और दूसरे में नाइट्रोजन रहता है। जैसे ही धुआं चिंगारी निकलती है अलार्म बजने के साथ दोनों सिलेंडर एक्टिव हो जाते हैं। कुछ देर बाद नाइट्रोजन और पानी का मिश्रण पाइपों से निकलने लगता है।