गोमिया के अइयर गांव के बेहराटोला में रविवार की रात रविदास समाज के लोगों ने अपनी पारंपरिक पूजा की। इस दौरान सुअर की बलि चढ़ाई। इस बीच कोई जानवर मांस का एक टुकड़ा लेकर उस ओर चला गया, जहां मुस्लिम समाज के लोगों का घर है। इसे लेकर उन्होंने हंगामा कर दिया। नतीजा यह रहा कि दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। पुलिस ने किसी प्रकार दोनों पक्षों को समझाकर शांत किया।

सात साल में एक बार दी जाती है सुअर की बलि
इस घटना से अइयर गांव में तनाव फैल गया। छठ महापर्व को देखते हुए एसपी ने खुद मोर्चा संभाल लिया। कई थाने की पुलिस बुला ली। रविदास समाज के लोगों ने बताया कि सात साल में एक बार धनकटनी (धान काटने) से पूर्व अपने इष्ट देवता की पूजा-अर्चना कर प्रथा अनुसार हम सुअर की बलि देते हैं। पूजा संपन्न हो गई थी। हम सभी अन्य काम में लगे थे। तभी कोई जानवर सुअर के मांस के कुछ टुकड़े ले भागा, उन्हें इधर-उधर ले जाकर छोड़ दिया। इसकी हमें जानकारी नहीं मिली।

सुअर का मांस देख घरों से निकले मुस्लिम
दूसरी ओर सुअर के मांस का टुकड़ा देख मुस्लिम समाज के लोगों में गुस्सा छा गया। वे घरों से निकल विरोध करने लगे। इधर सोमवार को बेरमो एसडीओ शैलेश कुमार, एसडीपीओ बीएन सिंह, बीडीओ महादेव महतो सहित ललपनिया ओपी, गोमिया, जगेश्वर बिहार, महुआटांड़ थाने की पुलिस बल की मौजूदगी में दोनों पक्षों के प्रबुद्ध लोगों की बैठक की गई। दोनों पक्षों को शांत कराया गया। बैठक के दौरान जमीन विवाद का भी मामला सामने आया है। सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि आदिवासियों के धर्म महासम्मेलन के बाद इस मामले का शांतिपूर्ण हल तलाशा जाएगा।

दोनों पक्षों की ओर से ललपनिया ओपी में जमीन विवाद का आवेदन दिया गया है। कोदवाटांड़ पंचायत के मुखिया बबलू हेंब्रम, ललपनिया के पूर्व मुखिया बबुली सोरेन, अनिल हांसदा, कौलेश्वर सोरेन, श्यामदेव सोरेन, जलील अंसारी, नयूम अंसारी, मिराज अंसारी, महमूद अंसारी, मुख्तार अंसारी, यूनुस अंसारी आदि थे।

अइयर गांव में दो पक्षों के बीच कुछ अपशिष्ट को लेकर विवाद हुआ था, विवाद का समाधान कर मामला शांत कराया है। इस दौरान जमीन विवाद का भी मामला प्रकाश में आया है। अंचलाधिकारियों की मौजूदगी में सीमांकन कराया जाएगा। इस विवाद को भी सुलझा दिया जाएगा- बीएन सिंह, एसडीपीओ, बेरमो।