तेंदुए के हल्ले के बाद बृहस्पतिवार को अधिवक्ताओं ने हड़ताल कर दी। मुकदमों में तारीख लगा दी गई। दूरदराज से कोर्ट में तारीख पर  पहुंचे वादकारियों को गेट से ही लौट जाना पड़ा। कचहरी परिसर में पुलिस और वन विभाग के कर्मी दिनभर डेरा डाले रहे। जिला वन अधिकारी मनीष सिंह का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज में बिल्ली नजर आ रही है।   

बुधवार शाम आईएमटी कॉलेज के पास तेंदुआ दिखने की सूचना जंगल में आग की तरह फैल गई। मौके पर पुलिस, प्रशासन, वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीम दल-बल के साथ पहुंच गई। साढ़े छह बजे से रात करीब नौ बजे तक ढाई घंटे तेंदुए की सघन तलाशी की गई। टीम आईएमटी, कलक्ट्रेट परिसर, सिविल कोर्ट परिसर में कांबिंग चलती रही। तेंदुए के हल्ले से कोर्ट में काम कर रहे दो कर्मियों ने अपने को कमरे में बंद कर लिया। करीब डेढ़ घंटे बाद पुलिस व वन विभाग ने दोनों को बाहर निकाला।

मशाल लेकर कर्मी देर रात तक परिसर में बने भवन में जमे रहे। बृहस्पतिवार सुबह करीब आठ बजे वन विभाग की टीम और पुलिस, पीएसी मौके पर पहुंच गई। तेंदुए के डर की वजह से कचहरी में एहतियात के तौर पर हड़ताल कर दी गई। सुबह से ही टीमें परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालने में जुट गई लेकिन तेंदुए को कोई निशान नहीं मिला। बृहस्पतिवार को तेंदुआ दिखने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिला वनाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि वायरल वीडियो के फुटेज में तेंदुआ नहीं है। 

तलाशी के बाद जिला जज को सौंपी रिपोर्ट 

जिला वन अधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक सघन तलाशी और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगालने के बाद पता चला कि तेंदुआ नहीं था। जिला जज को तेंदुआ नहीं होने की रिपोर्ट दे दी गई है।