चंडीगढ़: केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने हरियाणा के निलंबित आइपीएस धीरज सेतिया की ओर से दायर याचिका पर केंद्र और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। सेतिया ने अपनी याचिका में गुरुग्राम में करोड़ों रुपये की चोरी के हाई प्रोफाइल मामले में मुकदमे के नतीजे आने तक उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई रोकने के निर्देश देने की मांग की है।

कैट की चंडीगढ़ पीठ के न्यायिक सदस्य रमेश कुमार ठाकुर ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और हरियाणा सरकार को पांच जुलाई तक जवाब दायर करने का आदेश दिया है। कैट के समक्ष अपनी याचिका में सेतिया ने दलील दी कि उसके खिलाफ 17 मार्च 2022 को आरोप पत्र दायर किया गया था। विभाग ने उनके खिलाफ कानून के तय सिद्धांत का उल्लंघन करते हुए विभागीय जांच शुरू कर दी जबकि कोर्ट में ट्रायल चल रहा है।

विभागीय जांच रोकने की मांग की

याचिका के अनुसार नियमित विभागीय जांच कार्रवाई व एफआइआर की आपराधिक कार्रवाई एक साथ नहीं हो सकती। कोर्ट को बताया गया कि विभागीय जांच और एफआइआर मामले में उनके खिलाफ आरोप एक समान हैं और इस तरह मुकदमे के समापन तक विभागीय जांच की अनुमति नहीं दी जा सकती है। याचिका में कहा गया कि उन्होंने इस बाबत विभाग से अनुरोध भी किया था लेकिन इसके बावजूद विभाग विभागीय जांच की कार्रवाई जारी रखे हुए है।

सेतिया ने लगाया आरोप

सेतिया ने यह भी आरोप लगाया कि 10 दिसंबर 2021 को राज्य सरकार ने यह विचार किए बिना कि उनके खिलाफ कोई कानूनी रूप से स्वीकार्य सबूत है या नहीं, उन्हें निलंबित कर दिया और आज तक बहाल नहीं किया गया है। तिया के वकील ने कहा कि सेतिया को डा. सचिंदर नवल के बयान पर मामले में फंसाया गया था, जिन्होंने विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा मामले की जांच के दौरान थर्ड डिग्री टार्चर के कारण उनका नाम लिया था।