क्या हिंसाग्रस्त मणिपुरियों के आंसू पोंछना अपराध है?
50 दिन बाद भी मणिपुर में हो रही हिंसा पर क्यों चुप हैं प्रधानमंत्री मोदी!
मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी का आचरण रोम के नीरो से भी ज्यादा असंवेदनशील 


मुंबई। मणिपुर में जारी हिंसा 52 दिनों के बाद भी कम नहीं हुई है। यह इस देश और मणिपुर के लोगों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने अभी तक इस हिंसा पर एक भी शब्द भी नहीं कहा है। भारत को एक ऐसे असंवेदनशील प्रधानमंत्री मिला है जो जब रोम जल रहा था तब नीरो बांसुरी बजा रहा था की प्रवृत्ति से भी ज्यादा असंवेदनशील है। जिससे पूरा देश शर्मसार है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा है कि केंद्र सरकार खुद कुछ नहीं कर रही है और अब विपक्ष के नेता राहुल गांधी जब मणिपुर की जनता का हाल जानने के लिए पहुंचे तो उन्हें वहां के लोगों से मिलने नहीं दिया गया  यह मोदी सरकार की तानाशाही शासन का एक बड़ा उदाहरण है। इस संबंध में बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने आगे कहा कि हमारी पार्टी राहुल गांधी को मणिपुर के लोगों से मिलने से रोकने के लिए मोदी सरकार का कड़ा विरोध करती है। मणिपुर के लोग केंद्र सरकार से मदद का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर को जलता हुआ छोड़ कर अपनी इमेज को चमकाने के लिए अमेरिका के दौरे पर चले गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी जब मणिपुर के लोगों का दर्द जानने पहुंचे तो शुरुआत में उन्हें सड़क मार्ग से जाने इजाजत दी गई। राहुल गांधी का स्वागत करने के लिए मणिपुर के लोग हजारों की संख्या में उमड़ पड़े। हमारे नेता की लोकप्रियता को देखकर बीजेपी सरकार डर गई और उनके काफिले को रोककर वापस भेज दिया। पुलिस ने राहुल गांधी को वापस भेजने के बाद स्थानीय लोगों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े। बड़ी संख्या में मणिपुरी लोग राहुल गांधी से मिलने पहुंचे, लेकिन बीजेपी सरकार ने उन्हें लोगों से मिलने नहीं दिया। एक बार फिर साफ हो गया है कि मोदी सरकार राहुल गांधी से डरती है।  राहुल गांधी प्यार, भाईचारे और शांति का संदेश लेकर मणिपुर पहुंचे थे, लेकिन मोदी सरकार नहीं चाहती है कि मणिपुर में शांति रहे, इसलिए राहुल गांधी को लोगों से मिलने से रोक दिया गया। नाना पटोले ने कहा कि पहले 25 दिनों तक जब मणिपुर जल रहा था, केंद्र का एक भी प्रतिनिधि वहां नहीं गया। 25 दिनों के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर आए लेकिन वहां की हिंसा खत्म नहीं हुई। मणिपुर अभी भी जल रहा है क्योंकि वहां के लोगों को बीजेपी और मोदी सरकार पर भरोसा नहीं है। मणिपुर के मौजूदा हालात के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जिम्मेदार है। पुलिस स्टेशनों पर हमले किए जा रहे हैं और हथियार लूट लिए जाते हैं। पूजा स्थलों को जलाया जा रहा है। बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है और आर्थिक नुकसान भी हुआ है। लेकिन मनमानी, मनमौजी और अड़ियल प्रवृत्ति की केंद्र सरकार मणिपुर को आग में झोंक कर भाषणों, आयोजनों और विज्ञापनों में व्यस्त है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मणिपुर के लोगों को राहुल गांधी से न मिलने देने के बीजेपी सरकार के रुख को न सिर्फ मणिपुर बल्कि देश की जनता भी माफ नहीं करेगी।