सीतामढ़ी । डीएम रिची पांडेय ने अधिकारियों पर कड़ा शिकंजा कस दिया है। उन्होंने योगदान करने के साथ ही कहा है कि अब बिना अवकाश के कोई अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ेगा। नए डीएम के रूप में योगदान के चंद दिनों के अंदर डीएम को यह महसूस हुआ कि उनके अधीनस्थ पदाधिकारी किस हद तक अपने दायित्वों के प्रति गंभीर हैं। दरअसल डीएम को पता चला है कि अधिकारी अवकाश स्वीकृत नहीं कराते हैं और मुख्यालय से नदारद हो जाते हैं। डीएम ने अधिकारियों की इस कार्यशैली को गंभीरता पूर्वक लिया है और सख्त आदेश जारी किया है। 
जारी पत्र के अनुसार डीएम पांडेय ने पाया है कि बिना अनुशंसा और अवकाश स्वीकृत कराए अधिकारी अपने मुख्यालय से अनुपस्थित रहते हैं। जब किसी मामले में खोज की जाती है तो पता चलता है कि अधिकारी बिना सूचना के मुख्यालय से अनुपस्थित है। डीएम का मानना है कि बिना उच्चाधिकारी या उनसे अवकाश स्वीकृत कराए अधिकारियों का मुख्यालय से नदारद रहना नियमानुकूल नहीं है। अधिकारियों को भेजे पत्र में डीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि विहित प्रपत्र में अपने उच्चाधिकारी, वरीय पदाधिकारी से अनुशंसा कराते हुए उन्हें आवेदन समर्पित करेंगे और डीएम की स्वीकृति के बाद ही अवकाश पर जाएंगे। 
डीएम ने कहा है कि विशेष परिस्थिति में अधिकारी उनके वाट्सऐप के माध्यम से स्वीकृति प्राप्त करने के बाद ही मुख्यालय छोड़ेंगे और इसकी विधिवत स्वीकृति के लिए डीएम को आवेदन-पत्र भेजेंगे। इधर सभी बीडीओ अवकाश की स्वीकृति के विहित प्रपत्र को भरकर डीडीसी से अनुशंसा कराकर उनके माध्यम से डीएम को आवेदन भेजेंगे। वहीं सीओ एडीएम के माध्यम से आवेदन भेजेंगे। अन्य विभागों के अधिकारी जिनका आकस्मिक अवकाश उनके विभाग स्तर से स्वीकृत होता है वो भी डीएम की स्वीकृति के बाद ही मुख्यालय छोड़ेंगे। गौरतलब है कि कुछ अधिकारी खास कर शनिवार को बिना सूचना के मुख्यालय को छोड़कर अपने घर चले जाते हैं और सोमवार को फिर कार्यलय पहुंच जाते हैं। हालांकि सोमवार को ऑफिस किस समय तक पहुंच जायेंगे इसका कोई ठीक नहीं रहता है। इस तरह का वाकया कई बार उजागर हो चुका है। शनिवार को विशेष कर प्रखंडों के अधिकारी घर जाने को बेचैन रहते हैं। ऐसे भी अधिकारी हैं जो माह में 25 दिन बिना सूचना के मुख्यालय से नदारद रहते हैं।