लंदन । ब्रिटेन में सियासी उथल-पुथल के बीच पीएम ऋषि सुनक के खिलाफ अविश्वास पत्र दाखिल हो गया है। सुनक की ही पार्टी की सांसद एंड्रिया जेन्किंस ने लेटर में लिखा अब बहुत हुआ। हमारी पार्टी का लीडर एक ऐसा व्यक्ति है, जिसे सदस्यों ने खारिज कर दिया था। अब पोल्स में साबित हो गया है कि जनता भी सुनक को नहीं पसंद करती है। अब समय आ गया है जब सुनक को चले जाना चाहिए।
दरअसल, सोमवार को सुनक ने होम मिनिस्टर सुएला ब्रेवरमैन को पद से हटा दिया था, जिस बात से उनकी पार्टी के कुछ नेता नाराज हैं। एंड्रिया ने आगे कहा- पहले सुनक ने बोरिस जॉनसन को हटने पर मजबूर कर दिया। अब कैबिनेट में मौजूद इकलौती ऐसी नेता जो सडक़ों की खस्ताहाल स्थिति और पुलिस के डबल स्टैंडर्ड पर बोलने की क्षमता रखती थीं, को भी निकाल दिया गया है।
अगर ऋषि सुनक के खिलाफ 15 प्रतिशत सांसद नो कॉन्फिडेंस लेटर जमा कर देते हैं, तो यह अविश्वास प्रस्ताव में बदल जाएगा। सुएला को मंत्री पद से हटाने के लिए करीब 50 सांसदों ने सुनक का साथ दिया था। हालांकि, डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें कई ऐसे लेटर भी मिले थे, जिनमें सुएला को न निकालने की अपील की गई थी। सुनक ने सोमवार शाम सुएला को पद से हटाने के बाद उनकी जगह विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली को गृह मंत्री बना दिया। इसके बाद उन्होंने पूर्व डेविड कैमरन को ब्रिटेन का विदेश मंत्री घोषित कर दिया। दरअसल, भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन ने हाल ही में कई विवादित बयान दिए थे।
सुनक की पार्टी के अंदर से ही कई दिनों से यह मांग उठ रही थी कि सुएला की बयानबाजी ब्रिटेन की मिडिल ईस्ट पॉलिसी के खिलाफ है और वे अभिव्यक्ति की आजादी को दबाने की कोशिश कर रही हैं। गृह और विदेश मंत्री के अलावा भी सोमवार को कुछ पदों पर बदलाव किए गए। इन बदलावों के बाद सुनक ने ट्वीट कर कहा था- हमने एक ऐसी टीम बनाई है, जो लंबे समय तक देश की जरूरतों को पूरा कर पाएगी। ये टीम वो बदलाव लेकर आएगी, जिसकी हमें जरूरत है। हम साथ मिलकर देश के हित में फैसले करेंगे। बता दें कि पिछले एक साल के अंदर ब्रिटेन में 3 प्रधानमंत्री बदल चुके हैं।
सितंबर 2022 में बोरिस जॉनसन ने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन पर कोरोना की पाबंदियों के बीच पार्टी करने, संसद को गुमराह करने सहित कई घोटालों के आरोप थे। उनके बाद लिज ट्रस ब्रिटेन की पीएम बनीं। हालांकि, ट्रस की सरकार सिर्फ 50 दिन तक ही टिक सकी और पार्टी का भरोसा खोने के बाद अक्टूबर में उनकी सरकार गिर गई। इसके बाद ऋषि सुनक को ब्रिटेन का अगला पीएम चुना गया था।