नई दिल्‍ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने  4,000 एकड़ से अधिक भूमि पर कब्जा रखने वाले 11,200 से अधिक काश्तकारों को स्वामित्व का अधिकार देने संबंधी  पंजाब के विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी है।
पंजाब भोंदेदार, बुटेमार, डोहलीदार, इंसार मिआदी, मुकर्ररिदार, मुंधिमार, पनाही कदीम, सौंजीदार, या ताराद्दादकर (मालिकाना अधिकार निहित करना) विधेयक, 2020 में पंजाब विधानसभा ने उस वक्त पारित किया गया था, जब प्रदेश में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी।
यह विधेयक उचित मुआवजे का भुगतान करने के बाद 4,000 एकड़ से अधिक भूमि पर कब्जा रखने वाले 11,200 से अधिक काश्तकारों को संपत्ति के अधिकार की अनुमति देता है।
कानून ऐसी भूमि जोतने वालों को सशक्त करेगा, जो समाज के आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के हैं। ये काश्तकार कई वर्षों से जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों पर काबिज हैं और पीढ़ी-दर-पीढ़ी उत्तराधिकारी के तौर पर अपने अधिकार प्राप्त करते हैं।
चूंकि वे पंजीकृत मालिक नहीं थे, इसलिए न तो वे वित्तीय संस्थानों से ऋण ले सकते थे और न ही किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में उन्हें राहत मिलती थी, लेकिन अब उन्हें अन्य भूस्वामियों की तरह सभी लाभ मिलेंगे। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह अधिनियम कृषि सुधार से जुड़ा कदम है तथा इससे कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और उत्पादकता भी बढ़ेगी।
राष्ट्रपति ने तेलंगाना के एक विधेयक को भी अपनी मंजूरी दी, जो गंभीर अपराधों के मामलों में अदालत द्वारा तय की गई तारीख पर अभियुक्तों को पेश करने में विफल रहने पर ज़मानत लेने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने की अनुमति देता है। दंड प्रक्रिया संहिता (तेलंगाना संशोधन) विधेयक, 2020 तेलंगाना की चंद्रशेखर राव सरकार द्वारा पेश किया गया था। वर्ष 2016 में न्यायिक अधिकारियों के एक राज्य-स्तरीय सम्मेलन में आए सुझाव के बाद यह संशोधन पेश किया गया था।