नई दिल्ली । पूरे देश में इस समय मॉनसून ने कहर बरपाना शुरु कर ‎दिया है। जहां उत्तराखंड में लैंडस्लाइड से आवागमन अवरुद्ध हो रहा है, वहीं गुजरात के अनेक इलाकों में बाढ़ के हालात बनने से लोगों को रैस्क्यू करने की नौबत आ रही है। यहां भारी बा‎‎रिश का असर पूरी तरह से दिखने लगा है। इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात सरकार भारी बारिश के बीच लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार को भारत के हर एक हिस्से को मॉनसून ने कवर कर लिया है। इससे पहले साल 2001 और 2022 में भी मॉनसून ने इसी समय पूरे देश को अपनी आगोश में ले लिया था। वहीं 2001 और 2009 में मॉनसून ने 3 जुलाई तक को देशभर को कवर किया था। आमतौर पर पूरे देश को मॉनसून 8 जुलाई तक कवर करता है। मॉनसून न केवल भारत में पहुंचा है, बल्कि कई राज्यों में आफत बनकर भी बरस रहा है। उत्तराखंड के कई पहाड़ी इलाकों में लैंड स्लाइड की घटनाएं सामने आ रही है। वहीं गुजरात के कई शहरों में बारिश से बाढ़ जैसे हालात बने हैं तो बिहार में तेज बारिश के साथ बिजली गिरने के मामले भी सामने आ रहे हैं। दिल्ली में रविवार सुबह मौसम सुहावना रहा और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो औसत से दो डिग्री कम था। हालांकि दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में उमस भरी गर्मी भी देखने को मिली। मौसम विभाग की मानें तो आज बारिश होने की संभावना नहीं बन रही है। लेकिन 4 जुलाई के बाद एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर में मॉनसून एक्टिव होगा। 

मुंबई ‎के अ‎धिकतर इलाकों में नहीं हुई बारिश
महाराष्ट्र के मुंबई में इस समय बा‎रिश थमी हुई है। यहां अनेक इलाकों में कल से बा‎‎रिश नहीं होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। हालां‎कि सप्ताह भर भारी बारिश होने के बाद सप्ताहांत में हल्की बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार सुबह समाप्त हुए पिछले 24 घंटे में कोलाबा वेधशाला में जहां 14 मिमी बारिश दर्ज की गई, वहीं सांताक्रूज मौसम स्टेशन में इस अवधि में 22।2 मिमी बारिश दर्ज की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि इससे पहले शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुए 24 घंटों में कोलाबा में 45।4 मिमी और सांताक्रूज मौसम स्टेशन में इसी अवधि में 110 मिमी बारिश दर्ज की गई। हालां‎कि शनिवार को उत्तर महाराष्ट्र के नासिक और नंदुरबार जिलों में अच्छी बारिश हुई लेकिन जलगांव में अधिकतर इलाकों में बारिश नहीं हुई। मराठवाड़ा के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई है।

भारी बा‎‎रिश से धसकने लगे उत्तराखंड के पहाड़
उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते पहाड़ों के धसकने के समाचार ‎मिल रहे हैं। यहां ज्यादातर पहाड़ी रास्तों पर लैंडस्लाइड के मामले सामने आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के लामबगड़ में जलस्तर बढ़ने और भूस्खलन के कारण सड़क पर मलबा आने के बाद से ही बद्रीनाथ हाईवे बंद हो गया है। लामबगड़ में जलस्तर बढ़ने और सड़क पर मलबा आने के कारण बद्रीनाथ हाईवे बाधित हुआ है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अगले कुछ दिन भारी बारिश और लैंड स्लाइड का खतरा बना हुआ है। ऐसे में लोगों को बाहर जाने से पहले सतर्क रहने की जरूरत है।

बिहार में ‎बिजली ‎गिरने से तीन की मौत
बिहार में भारी बा‎रिश हो रही है, यहां ‎बिजली ‎गिरने से तीन लोगों की मौत के समाचार भी हैं। यहां के अधिकतर हिस्सों में पिछले तीन दिनों से बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग के अनुसार, बिहार में आज से अगले कुछ दिनों तक कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की जा सकती है। उधर बिहार में अलग-अलग स्थानों पर वज्रपात की चपेट में आने से एक बच्ची सहित तीन लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के अरवल जिले में दो लोगों और औरंगाबाद जिले में एक बच्ची की वज्रपात की चपेट में आने से मौत होने पर उनके परिजनों के प्रति अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि आपदा की इस घड़ी में वह पीड़ित परिवार के साथ हैं।

यूपी में कहीं झमाझम तो कहीं बूंदाबांदी
उत्तर प्रदेश में कहीं झमाझम बारिश हो रही है तो कहीं पर हल्की बूंदाबांदी से राहत है। यहां रविवार को कई इलाकों में रुक-रुक कर तो कहीं तेज बारिश हुई है। जानकारी के अनुसार लखनऊ से सटे जिले बाराबंकी में भी तेज बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने भी जुलाई के पहले सप्ताह में हर दिन कहीं न कहीं बारिश की संभावना जताई है। 7 जुलाई को भी पश्चिमी और पूर्वी यूपी के अनेक स्थान पर बारिश की संभावना है। जब‎कि 4 जुलाई को पश्चिमी यूपी में कुछ जगहों पर गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है। इसके साथ ही पूर्वी यूपी में लगभग सभी स्थानों पर बारिश की संभावना है। इसके अलावा मौसम विभाग का अनुमान है कि 5 जुलाई को पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लगभग सभी स्थानों पर गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है।

बाढ़ से बचाने एनडी‎आरएफ ने संभाला मोर्चा
गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश होने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। यहां लोगों को बाढ़ से बचाने एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाल ‎लिया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़े से पता चला है कि वलसाड और नवसारी जिलों के कुछ हिस्सों में रविवार सुबह समाप्त हुए पिछले 24 घंटे की अवधि में अत्यधिक भारी बारिश हुई। सड़कों पर पानी भर जाने या उसके बह जाने के कारण कई गांवों का संपर्क टूट गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) फंसे हुए लोगों को बचाने के अभियान में लगे हैं। जामनगर सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक है जहां शुक्रवार से बारिश संबंधी घटनाओं में 11 लोगों की मौत हो गई है। शुक्रवार को घर से बाढ़ का पानी निकालने के दौरान कुएं में गिरने से तीन साल की एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि भारी बारिश के बाद लापता हुए दो लोगों के शव शनिवार को बचाव दल को मिले।