इंफाल । पिछले 9 साल से भाजपा में एक क्षत्र राज करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की नाफरमानी हुई है। बताया जाता है कि मणिपुर के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में बिगड़े हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से इस्तीफा दिलवाकर राष्ट्रपति शासन लागू करने का निर्णय लिया था। जिसके तहत शुक्रवार को सीएम को इस्तीफा देना था, लेकिन ऐन वक्त पर बीरेन सिंह ने इस्तीफा नहीं देने का निर्णय लिया। उन्होंने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि, इस महत्वपूर्ण मोड़ पर मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।
राज्य में लगभग दो महीने से जारी जातीय हिंसा से निपटने को लेकर हो रही आलोचना से घिरे मुख्यमंत्री बिरेन सिंह को लेकर अटकलें तेज थी कि वह शुक्रवार को इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर फटा रिजाइन लेटर भी वायरल हो रहा है। बता दें कि, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह 20 विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने जा रहे थे, लेकिन उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग जमा थे, जिन्होंने काफी हंगामा किया और उन्हें वहीं रोक लिया। लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया। इतना ही नहीं भीड़ ने उनका इस्तीफा भी फाड़ दिया, जिसकी फोटो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है।
राहुल ने की शांति की अपील
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मणिपुर दौरे पर पहुंचे हुए हैं। उन्होंने मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करने के बाद हिंसाग्रस्त राज्य में शांति के लिए समाज के सभी वर्गों से शुक्रवार को अपील की और कहा कि हिंसा कोई समाधान नहीं है। उन्होंने मणिपुर की घटनाओं को एक त्रासदी बताया जो राज्य और देश के लिए दर्दनाक है। गांधी ने राजभवन के बाहर पत्रकारों से कहा, शांति के लिए जो भी जरूरी होगा, मैं उसके लिए तैयार हूं। मैं सभी लोगों से शांति कायम करने की अपील करता हूं क्योंकि हिंसा से कभी कोई हल नहीं निकल सकता। उन्होंने कहा, शांति ही आगे बढऩे का रास्ता है और हर किसी को अब शांति के बारे में बात करनी चाहिए और उसकी ओर बढऩा शुरू करना चाहिए। इस राज्य में शांति का माहौल कायम करने के लिए मैं हर संभव मदद करूंगा।