जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और प्रथम महिला त्शेपो मोत्सेपे को उपहार भेंट किए। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति रामाफोसा को तेलंगाना की मशहूर बीदरी शिल्प की सुराही गिफ्ट की। वहीं, दक्षिण अफ्रीका की प्रथम महिला डॉ. त्शेपो मोत्सेपे को नगालैंड शॉल भेंट की। इसके अलावा पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा को मध्यप्रदेश की गोंड पेंटिंग उपहार में दी।

बीदरी शिल्प विशुद्ध रूप से भारतीय आविष्कार है। यह शिल्पकला 500 साल पुरानी है। इसकी शुरुआत विशेष रूप से कर्नाटक के बीदर से हुई थी। बीदरी को जस्ता, तांबे और अन्य अलौह धातुओं के मिश्र धातु के साथ ढाला जाता है। ढलाई पर सुंदर पैटर्न उकेरे गए हैं और शुद्ध चांदी के तार जड़े जाते हैं।नगा शॉल एक उत्कृष्ट हस्तशिल्प कला है। नगालैंड के जनजातीय समुदाय इसे सदियों से बनाते हैं। यह शॉल अपने जीवंत रंगों, जटिल डिजाइन और पारंपरिक बुनाई तकनीकों के उपयोग के लिए जानी जाती है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।

वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा को मध्यप्रदेश की गोंड पेंटिंग उपहार में दी। गोंड पेंटिंग मध्यप्रदेश की आदिवासी चित्रकला है। गोंड शब्द की उत्पत्ति द्रविड़ शब्द कोंड से हुई है, जिसका अर्थ हरा पहाड़ है। गोंड जनजाति समुदाय के लोगों के अपने घरों की दीवारों और फर्शों पर बिंदुओं और रेखाओं को उकेर कर यह पेंटिंग बनाते हैं। इसमें प्राकृतिक रंगों और अन्य सामग्रियों जैसे लकड़ी का कोयला, रंगीन मिट्टी, पौधों के रस, पत्तियों, गोबर, चूना पत्थर के पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है।