आगरा। पत्नी के मोबाइल पर लगातार बातचीत करने पर पति में शक का बीज बो दिया। पत्नी काे कोख में पलते बच्चे की कसम दी तो उसने सच बता दिया कि मोबाइल पर एक लड़के से बात करती है। इससे शक की खाई इतनी गहरी कर दी कि पति गर्भवती पत्नी को साथ रखने से मना कर दिया। मामला पुलिस तक पहुंचा तो उसने चार सप्ताह तक काउंसलिग की। पति का शक दूर कर परिवार को बिखरने से बचा लिया। रविवार को परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग कर 11 जोड़ों को दोबारा मिलाया गया।

डेढ़ वर्ष पहले हुयी थी शादी

करीब एक महीने पहले परिवार परामर्श केंद्र नवदंपती का मामला पहुंचा। उनकी शादी डेढ़ वर्ष पहले हुई थी। पत्नी गर्भवती है। पति एक कंपनी में काम करता है। छह महीने से पत्नी की एक युवक से मोबाइल पर बातचीत होने लगी। पति को पता चला तो शक करने लगा। पत्नी के कोख में पल रहे बच्चे को भी शक की नजर से देखने लगा। कहने लगा कि यह बच्चा उसका नहीं है।

पत्नी ने बताया युवक से करती थी बातचीत

पत्नी ने हर तरह से विश्वास दिलाने का प्रयास किया, लेकिन पति का शक दूर नहीं हुआ। पत्नी ने परिवार परामर्श केंद्र की शरण ली। पुलिस से कहा उसका गुनाह सिर्फ इतना है कि मोबाइल पर युवक से कुछ महीने से बात हाे रही थी। वह उसे जानती तक नहीं है। पुलिस उसका घर बचा ले। परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी इतुल चौधरी ने पति काे बुलाया। कहा कि बच्चा उसी का है। पुलिस डीएनए टेस्ट करा सकती है। इसके बाद वह पत्नी को स्वीकार कर लेगा। मगर, यह बात भविष्य में उसके बच्चे को पता चलेगी तो उस पर क्या प्रभाव पड़ेगा। बड़े होने पर उसकी नजर में पिता का क्या सम्मान रहेगा। पुलिस ने पति से कहा कि गलती सभी से हाेती है। पत्नी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है।

11 जोड़ों में सुलह

चार काउंसलिंग के बाद पुलिस पति को समझाने मे सफल रही। पति को भी लगा कि उसने अकारण ही इतना तूल दे दिया। पत्नी ने वादा किया कि वह दोबारा शिकायत का मौका नही देगी। रविवार काे पति उसे साथ ले गया। इतुल चौधरी के अनुसार काउंसलिंग के बाद 11 जोडों में सुलह कराई गई।