राजधानी में पानी के लिए हहाकार मचा हुआ है। रांची के विभिन्न इलाकों में लोग पानी की किल्लत से परेशान हैं। शहर के न्यू नगर दीपा टोली में बीते दो महीने से सप्लाई का पानी नहीं पहुंच रहा है।

पानी न मिलने से इलाके में हजारों की आबादी परेशान है। गर्मी में 90 प्रतिशत घरों की बोरिंग सूख चुकी है। सड़क चौड़ीकरण के लिए पाइपलाइन उखाड़े जाने के कारण पानी भी नहीं पहुंच रहा है।

पीएचईडी विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं है। पेयजल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब तक न्यू नगर में पानी न पहुंचने की सूचना नहीं है।

इधर, लोग पानी के लिए परेशान है। कुछ लोग पानी खरीद रहें हैं तो वहीं कुछ दूर-दराज इलाकों से पानी लाने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम और पेयजल विभाग में कई बार शिकायत की गई लेकिन अभीतक कोई सुनवाई नहीं हुई है। नगर निगम के पानी का टैंकर बुक करने के बाद भी पानी का टैंकर नहीं भेजा जा रहा है।

न्यू नगर दीपा टोली में पानी की समस्या से लगभग 50 से अधिक घरों के लोग प्रभावित हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण को लेकर पूर्व से लगाए गए पाईप को उखाड़ दिया गया। जिसके बाद से पानी नही पहुंच रहा है।

वहीं, सड़क किनारे गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया है। गड्ढा के कारण लोग प्रतिदिन दुर्घटना का भी शिकार हो रहे हैं। इलाके में लगातार जलस्तर नीचे जा रहा है।

स्थिति यह हो गई है कि न्यू नगर के अपार्टमेंट में लोग 700 से 800 फीट तक बोरिंग करा रहे। बोरिंग के कारण इलाके के बीच में स्थित तालाब की भी स्थिति दयनीय हो गई है। तालाब में नाम मात्र ही पानी बचा है जो गंदा हो चुका है।

स्थानीय निवासी शुभम बताते हैं कि न्यू नगर में बीते दो माह से पाइपलाइन से पानी नहीं आ रहा है। लगातर शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पानी के लिए कॉलोनी में हहाकार मचा हुआ है।

वहीं, मुकेश कहते हैं कि बीते दो महीने से पाइपालाइन से पानी नहीं आ रहा है। हजारों की आबादी पानी की किल्लत से परेशान है। पीने से लेकर शौचालय तक के लिए पानी खरीदना पड़ रहा है।

जीतेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि गर्मी में लगातार जलस्तर नीचे जा रहा है। कालोनी के 90 प्रतिशत घरों की बोरिंग सूख चुकी है। इधर पेयजल का पानी भी बीते दो माह से नहीं आ रहा है। मजबूरन लोग पानी खरीदकर पी रहे हैं।

संजय महतो बताते हैं कि गर्मी में लगातार जलस्तर नीचे जा रहा है। कई लोग अब 700 फीट पर बोरिंग करा रहे हैं। जिस कारण अन्य घरों की बोरिंग सूख गया है। इधर पीएचईडी विभाग में शिकायत दर्ज कराने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।