चंडीगढ़। देश और दुनिया में शुमार शहर के सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल रॉक गार्डन में खुलेआम जाम छलकाए जा रहे हैं। रॉक गार्डन के एंड प्वाइंट झूलों के पास बीयर की दो बोतलें पड़ी मिली। बीयर की खाली बोतलें के साथ नमकीन के खाली रैपर भी पड़े थे। यह काम शरारती तत्वों का हो सकता है। जिन्होंने रॉक गार्डन के भीतर बीयर पी और खाली बोतलें वहीं छोड़ कर निकल गए।

शनिवार को छुट्टी होने के चलते रॉक गार्डन में पर्यटकों की खासी भीड़ उमड़ी हुई थी। रॉक गार्डन में रोजाना हजारों पर्यटक आते हैं। जहां बीयर की खाली बोतलें मिली वहां झूले लगे हुए हैं। झूलों के पास सबसे ज्यादा भीड़ रहती है, क्योंकि जो भी लोग रॉक गार्डन घूमने आते हैं वह झूला झूलने यहां पहुंचते हैं।

करीब 40 एकड़ में फैला है रॉक गार्डन

चंडीगढ़ का रॉक गार्डन दुनिया के सबसे ज्‍यादा फेमस गार्डंस में शुमार है। देश के मशहूर रॉक आर्टिस्‍ट नेकचंद ने वेस्‍ट मैटीरियल से करीब 40 एकड़ में इस गार्डन को तैयार किया था। नेकचंद ने 1957 में यह नेक पहल की। करीब 18 साल के अथक प्रयास के बाद इस विश्‍वप्रसिद्ध रॉक गार्डन को तैयार कर सके।

पंजाब के रहने वाले नेकचंद ने लोकनिर्माण विभाग में 1951 में सड़क निरीक्षक के तौर पर काम करते हुए प्रसिद्ध सुखना झील के निकट जंगल के एक छोटे से हिस्से को साफ करके औद्योगिक और शहरी कचरे की मदद से वहां एक बगीचा सजाकर लोगों को एक अनूठी जादुई दुनिया से रू-ब-रू कराया था, जिसे आज हम रॉक गार्डन के नाम से जानते हैं। इस गार्डन का उद्घाटन 1976 में किया गया था।

वाटरफॉल और घूमावदार रास्ते

रॉक गार्डन में आने वाले पर्यटक यहां की मूर्तियों, मंदिरों, महलों आदि को देखकर अचरज में पड़ जाते हैं। रॉक गार्डन में वाटरफॉल, पूल और घूमावदार रास्ते सहित 14 लुभावने चैंबर हैं, जो नवीनता और कल्पनाशीलता को दर्शाते हैं। इस गार्डन में कई मूर्तियां हैं, जो घर के बेकार समानों जैसे टूटी हुई चूड़ी, चीनी मिट्टी के बर्तन, तार, ऑटो पार्ट्स और ट्यूब लाइट से बनी हैं।