नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद बीते दो वर्षों के दौरान भारत में घरों के मूल्य में तेज बढ़ोतरी हुई है और यह चरम स्तर के करीब हैं। इसको देखते हुए आने वाले वर्षों में घरों के मूल्य में नाममात्र की वृद्धि की उम्मीद है।

युवा खरीद रहे मकान

वैश्विक रियल एस्टेट कंपनी कुशमैन एंड वेकफील्ड के भारत प्रमुख अंशुल जैन के एक साक्षात्कार में यह बात कही है। अंशुल जैन ने कहा कि उच्च आर्थिक वृद्धि और उपभोक्ताओं खासकर युवा आबादी में मकान खरीदने की बढ़ती इच्छा को देखते हुए आने वाले वर्षों के दौरान घरों की मांग मजबूत बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि 2013-2014 से लेकर 2019 तक भारत में घरों की मांग काफी कम रही। कीमतें स्थिर थीं।

उस समय एक चलन था, जब लोग खासकर युवा कुछ भी नहीं खरीदना चाहते थे। यह एक ऐसी स्थिति थी जिसमें लोग किराये पर रहना चाहते थे और कोई प्रतिबद्धता नहीं चाहते थे। लेकिन कोरोना महामारी ने लोगों का सोच बदला है। लोगों को अपना मकान होने से जीवन में आने वाली स्थिरता का एहसास हुआ। इस कारण घरों की मांग बढ़ी। मांग बढ़ने के साथ घरों की बिक्री और कीमत दोनों में वृद्धि हुई।

विभिन्न रियल एस्टेट कंसल्टेंट और डाटा कंपनियों की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी के बाद भारत का आवासीय बाजार तेजी से पुनर्जीवित हुआ है। बीते दो कैलेंडर वर्षों के दौरान कई बाजारों में घरों की कीमतें 40-70 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। कैलेंडर वर्ष 2023 में घरों की कीमत सर्वकालिक उच्च स्तर पर रही है, जबकि घरों के मूल्य में औसतन 10 प्रतिशत की वृद्धि रही है।